फरवरी महीने के आखिरी दिन कोई 50 कोई 40 तो कोई 20हजार की रिश्वत मांग रहे थे महीने के आखिरी दिन पकड़ा गए मध्य प्रदेश के पांच रिश्वतखोर
इस पर और भी सवाल उठते हैं कि इस प्रणाली को खत्म करने के लिए आखिरकार क्या और कैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
- लोकायुक्त और EOW की टीम ने एक ही दिन में प्रदेश के अलग-अलग रिश्वतखोरों को रंगेहाथ पकड़ा।
- सागर, बुरहानपुर, हरदा और सिवनी में ताबड़तोड़ कार्रवाइयाँ की गईं।
- क्या रिश्वतखोरी खत्म होगी? सवालों का उठा सिलसिला।
Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ हाल ही में जबरदस्त कार्रवाई हुई, और यह कार्रवाई सिर्फ एक दिन में हुई! एक ही दिन में प्रदेश के चार अलग-अलग इलाकों से पांच रिश्वतखोरों को रंगेहाथ पकड़ने की खबर आई। ये घटनाएँ यह साबित करती हैं कि सरकारी दफ्तरों में बिना रिश्वत के काम कराना अब असंभव सा हो गया है।
आप सोच रहे होंगे, क्या ऐसा सच में हो सकता है क्या रिश्वतखोरी इतनी बढ़ गई है कि अब यह पूरी तरह से सिस्टम का हिस्सा बन चुकी है दरअसल, कई लोगों के लिए यह एक चौंकाने वाली खबर हो सकती है, लेकिन जो लोग सरकारी दफ्तरों में काम करते हैं, उनके लिए यह कोई नई बात नहीं है। इस पर और भी सवाल उठते हैं कि इस प्रणाली को खत्म करने के लिए आखिरकार क्या और कैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
सागर: एसडीएम कार्यालय में पकड़ा गया रिश्वतखोर
सागर जिले का मालथौन एसडीएम कार्यालय, जहाँ एक सहायक रीडर को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। सहायक रीडर वेदनारायण यादव, जो सरकारी कामकाज में लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिचायक बन चुके थे, एक किसान से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे।
किसान महेन्द्र कुमार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू ने इस पर त्वरित कदम उठाया। एक साल से लंबित एक प्रकरण के निपटारे के बदले रिश्वत की मांग की जा रही थी, लेकिन अब भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के बाद उम्मीद है कि सरकारी दफ्तरों में काम में कुछ पारदर्शिता आएगी।
हरदा: आरटीओ के बाबू को पकड़ा गया
दूसरी तरफ हरदा में भी एक और रिश्वतखोरी का मामला सामने आया। यहाँ पर एक आरटीओ बाबू सज्जन सिंह घसोरिया को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए भोपाल EOW की टीम ने पकड़ लिया। बाबू ने बस रजिस्ट्रेशन रद्द न करने के बदले यह रकम ली थी। यह कोई पहली बार नहीं है जब सरकारी कर्मचारियों की रिश्वतखोरी के मामले सामने आए हों। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि बाबू के पास एक लाख रुपये नकद थे, जिनकी जांच की जा रही है।
सिवनी: लोकायुक्त ने पकड़ी रिश्वतखोरी की जोड़ी
सिवनी में लोकायुक्त ने एक नई जोड़ी को पकड़ लिया। यह जोड़ी थी – कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ज्योति पटले और सेल्समैन कैलाश सनोडिया की। दोनों ने मिलकर रिश्वत के रूप में 73 हजार रुपये की मांग की थी, लेकिन सौदा 40 हजार रुपये में तय हुआ। इन दोनों के खिलाफ अब लोकायुक्त ने मामला दर्ज कर लिया है। रिश्वतखोरी की इस घटनाओं से यह साफ होता है कि सरकारी दफ्तरों में ऐसे भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है, और यह कई स्तरों पर फैला हुआ है।
बुरहानपुर: लेखापाल को पकड़ा गया
बुरहानपुर में जिला अस्पताल के लेखापाल राधेश्याम चौहान को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। यह रिश्वत एक अन्य निलंबित अकाउंटेंट से मेडिकल क्लेम की राशि के भुगतान के बदले ली जा रही थी। आरोपी ने पहले भी 5 हजार रुपये की रिश्वत ली थी और फिर 20 हजार रुपये की मांग कर दी थी। यह मामला भी साफ-साफ रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिसे लोकायुक्त की टीम ने बड़े ही सटीक तरीके से सुलझाया।