News on one nation one election : को मिली मोदी कैबिनेट की मंजूरी जानिए क्या है इसके फायदे

12 दिसंबर 2024 को हुई कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को स्वीकृति मिली, जो भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को नया दिशा देने का प्रयास है।

News on one nation one election: भारत में चुनावी प्रक्रिया को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से देश में एक ही समय में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के आयोजन का मार्ग प्रशस्त होगा। 12 दिसंबर 2024 को हुई कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को स्वीकृति मिली, जो भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को नया दिशा देने का प्रयास है।

वन नेशन, वन इलेक्शन’ का उद्देश्य

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का उद्देश्य देश में चुनावों के आयोजन को सरल, सस्ता और ज्यादा प्रभावी बनाना है। इसके अंतर्गत एक ही समय पर देशभर में लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। इससे न केवल खर्चों में भारी कमी आएगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को भी तेज़ और व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।

पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस योजना की सिफारिश की है और इसके लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह संशोधन विधेयक संसद में पेश किया जाएगा और इससे पहले राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से व्यापक चर्चा की जाएगी।

मुख्य सिफारिशें

कोविंद समिति ने चुनाव प्रक्रिया को दो चरणों में विभाजित करने की सिफारिश की है:

  1. पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
  2. दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न होंगे।
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समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची का उपयोग किया जाए, जिससे चुनावों में पारदर्शिता और एकरूपता बनी रहे।

एक महत्वपूर्ण कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने लिखा, “यह कदम हमारे लोकतंत्र को अधिक गतिशील और सहभागी बनाने की दिशा में अहम है।” इसके अलावा, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रस्ताव को लागू करने से पहले सभी राजनीतिक दलों से व्यापक चर्चा की जाएगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पहल को लेकर विश्वास जताया था कि इस कार्यकाल के खत्म होने से पहले ही ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू कर दिया जाएगा। इससे पहले, 2023 में उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इस विचार का समर्थन किया गया था, जिसमें 18 संवैधानिक संशोधनों की जरूरत का उल्लेख किया गया था।

राजनीतिक दलों का क्या रुख है

समिति ने 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया था, जिसमें से 32 दलों ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के विचार का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। यह दिखाता है कि जबकि इस पहल का व्यापक समर्थन है, कुछ दलों के बीच असहमति भी बनी हुई है।

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वन नेशन, वन इलेक्शन’ के फायदे

  1. खर्च में कमी:- एक साथ चुनाव होने से चुनावों पर होने वाला खर्च बहुत कम होगा, जिससे सरकारी धन की बचत होगी।
  2. बार-बार चुनावों की समस्या का समाधान:- बार-बार चुनाव होने से चुनाव आयोग पर दबाव कम होगा और चुनावी प्रक्रिया सुलझी हुई रहेगी।
  3. विकास पर फोकस:- चुनावों की बार-बार होने वाली प्रक्रिया से हटकर सरकार और प्रशासन विकास कार्यों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
  4. आचार संहिता में राहत:- एक साथ चुनाव होने से आचार संहिता के पालन की जरूरत कम होगी, जिससे विकास कार्यों में कोई विघ्न नहीं आएगा।
  5. काले धन के उपयोग पर नियंत्रण:- बार-बार चुनावों के दौरान काले धन का उपयोग होने की संभावना अधिक होती है, जबकि एक साथ चुनावों से इसके इस्तेमाल पर लगाम लग सकती है।

भारत की चुनावी प्रक्रिया में सुधार

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया को मजबूत, पारदर्शी और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। इसके माध्यम से न केवल प्रशासन की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि देशभर में एकजुटता और समग्र विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। हालांकि, इसे लागू करने से पहले विस्तृत चर्चा और संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी, लेकिन इसका संभावित प्रभाव भारत की राजनीति और लोकतंत्र पर गहरा पड़ेगा।

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