New Income Tax Bill 2025 : वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया, 2026 से लागू होगा

New Income Tax Bill 2025: भारत में आयकर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया है। इस विधेयक की घोषणा पहले ही 1 फरवरी 2025 को की गई थी और अब इसे आधिकारिक रूप से संसद में पेश कर दिया गया है। यह विधेयक 2026 से लागू होगा और पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा।

नए आयकर विधेयक के प्रमुख बिंदु

1. सरल  भाषा का उपयोग

नए विधेयक में “कर निर्धारण वर्ष” और “पूर्व वर्ष” जैसे जटिल शब्दों को हटा दिया गया है और उनकी जगह “कर वर्ष” जैसे सरल शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इससे कर कानूनों की भाषा को समझना और भी आसान हो जाएगा और करदाताओं के लिए इसे समझना सरल होगा।

2. मूल्यांकन वर्ष (AY) की समाप्ति

अब तक, आयकर कानून में मूल्यांकन वर्ष (Assessment Year) और कर वर्ष (Financial Year) की अवधारणा थी, जो कई बार लोगों के लिए भ्रमित करने वाली साबित होती थी। नए विधेयक में मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर केवल “कर वर्ष” का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।

3. अनावश्यक प्रावधानों का हटाना

नए विधेयक में कई अनावश्यक प्रावधानों और स्पष्टीकरणों को हटा दिया गया है, जिनकी वजह से आयकर प्रणाली जटिल हो गई थी। इन प्रावधानों को हटाने से कर प्रणाली सरल और अधिक प्रभावी होगी। इससे करदाताओं को अपनी आयकर संबंधी जानकारी को समझने में मदद मिलेगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।

4. व्यापक और सुव्यवस्थित संरचना

नया विधेयक पहले से कहीं अधिक व्यवस्थित और सरल है। इसमें कुल 536 धाराएं (वर्तमान में 298), 23 अध्याय (वर्तमान में समान), और 622 पृष्ठ (वर्तमान में 880 पृष्ठों के मुकाबले कम) हैं। यह विधेयक पूरी तरह से नए और सुधारित तरीके से तैयार किया गया है, जो करदाता की सुविधा और सरकार की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएगा।

5. पारदर्शिता और करदाता-अनुकूल प्रणाली

नए आयकर विधेयक का उद्देश्य आयकर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाना है। पुराने कानून में समय-समय पर किए गए संशोधनों और जटिलताओं को अब साफ किया जाएगा। इसका मकसद है कि करदाता आसानी से अपनी करदाताओं की स्थिति को समझ सकें और उनका पालन करना सरल हो।

6. आधिकारिक दृष्टिकोण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक को पेश करते हुए इसे सदन की प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि यह समिति अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट पेश करे। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के विरोध में आवाज उठाई, लेकिन ध्वनिमत से विधेयक को पेश करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

7. नया विधेयक क्यों जरूरी है?

नया आयकर विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा, जो पिछले छह दशकों से लागू था। पुराने कानून में समय के साथ किए गए विभिन्न संशोधनों के कारण जटिलताएँ बढ़ गई थीं, जिसे नए विधेयक के माध्यम से सरल बनाया जाएगा। यह बदलाव कर प्रणाली को और अधिक प्रभावी और स्पष्ट बनाएगा।

विधेयक की संरचना

धाराएं: 536 (वर्तमान में 298)
अध्यान: 23 (वर्तमान में समान)
पृष्ठ: 622 (वर्तमान के 880 पृष्ठों की तुलना में कम)
अनुसूचियां: 16 (वर्तमान में 14)

विपक्ष का विरोध

जैसा कि हमेशा होता है, विपक्षी दलों ने नए विधेयक पर आपत्ति जताई, खासकर इसके कुछ प्रावधानों को लेकर। हालांकि, लोकसभा ने ध्वनिमत से विधेयक को पेश करने का प्रस्ताव पारित कर दिया, और अब इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाएगा। विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद, सरकार ने विधेयक को पेश करने की प्रक्रिया को पूरा किया।

नया आयकर विधेयक 2026 से लागू होगा

नया आयकर विधेयक 2026 से लागू होगा। इससे पहले, इसे संसद द्वारा मंजूरी मिलनी चाहिए और फिर यह लागू हो पाएगा। इससे करदाताओं को अधिक समय मिलेगा ताकि वे नए नियमों के तहत अपनी योजना बना सकें और आवश्यक बदलावों को समझ सकें।

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