New DGP of Chhattisgarh : मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी बने छत्तीसगढ़ राज्य के नए डीजीपी,जानिए इनके के बारे मे

  • आईपीएस अरुण देव गौतम के बारे मे जानें
  • अरुण देव गौतम पहले मध्यप्रदेश कैडर मे थे
  • राजगढ़ उनका पहला जिला था
  • अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त

New DGP of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस को अब एक नया डीजीपी मिला गया है। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को राज्य पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) का प्रभार सौंपा गया है। राज्य के डीजीपी अशोक जुनेजा ने अपनी सेवानिवृत्ति हो गए है। अरुण देव गौतम को अब डीजीपी के पद पर पूर्ण नियुक्ति तक राज्य के पुलिस प्रमुख के रूप में कामकाज देखेगे।

आईपीएस अरुण देव गौतम के बारे मे जानें

अरुण देव गौतम का जन्म 2 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव में हुआ।बह एक किसान परिवार से सम्बन्ध रखते है। और इ गांव में अपने बचपन का समय बिताया है।उनके परिवार में पांच भाई और एक बहन हैं। जो उनकी जीवन यात्रा का अहम हिस्सा बने रहे।

उन्होंने (8वी) प्रारंभिक शिक्षा  अपने गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की थी। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वे प्रयागराज आ गए और राजकीय इंटर कॉलेज इलाहाबाद से दसवीं और बारहवीं की शिक्षा पूरी करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने आर्ट्स विषय में B.A. और फिर राजनीति शास्त्र में M.A. किया।

उच्च शिक्षा के दौरान अरुण देव ने अपने करियर के लिए कुछ बड़ा करने का ठान लिया। और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।आईपीएस बनने का उनका सपना जल्द ही पूरा हो गया था।जब उन्होंने 1992 में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और आईपीएस के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली।इस प्रकार वे 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी बने और उनकी पुलिस सेवा की शुरुआत मध्यप्रदेश से हुई।

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अरुण देव गौतम पहले मध्यप्रदेश कैडर मे थे

अरुण देव गौतम को पहले मध्यप्रदेश कैडर का हिस्सा बनाया गया था। उनके लिए यह एक नए माहौल में शुरुआत करने जैसा था। प्रशिक्षण के दौरान उनकी पोस्टिंग जबलपुर में हुई थी जहां उन्होंने विभिन्न पुलिस कार्यों में अपनी पहचान बनाई।इसके बाद उन्हें बिलासपुर में सीएसपी (सिटी एसपी) के रूप में कार्य करने का मौका मिला। बिलासपुर में उनकी कार्यशैली ने उन्हें एक सक्षम और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में स्थापित किया।

इसके बाद उन्हें कवर्धा में( एसडीओपी) सब डिवीजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस और फिर भोपाल में एडिशनल (एसपी) अध्यक्षीय पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करने का मौका मिला है।

इसके साथ ही मध्यप्रदेश पुलिस की 23वीं बटालियन के कमांडेंट के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी है।इन सभी पदों पर रहते हुए उन्होंने प्रशासनिक क्षमता और जनता से जुड़े मामलों में अपनी पहचान बहुत ही अच्छी बनाई है।

राजगढ़ उनका पहला जिला था

अरुण देव गौतम का कार्यकाल विभिन्न जिलों में एसपी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस  के तौर पर भी उल्लेखनीय रहा है। वे सात जिलों में एसपी के रूप में कार्य कर चुके हैं। जिनमें राजगढ़ उनका पहला जिला था। जिन पर उनने सबसे पहले कार्य किया था।

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प्रत्येक जिले में उनके कार्यों की एक अलग ही पहचान रही है।वे अपराध नियंत्रण, पुलिस प्रशासन और जनसम्पर्क के मामलों में अपनी मेहनत और निष्ठा से पहचाने गए है।उनकी नेतृत्व क्षमता और पुलिस बल के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें राज्यभर में सम्मानित किया है।

अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त

अशोक जुनेजा के सेवानिवृत्त होने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान अब अरुण देव गौतम के हाथों में आ गई है। जब अशोक जुनेजा का कार्यकाल जुलाई 2024 में समाप्त होने वाला था। तब केंद्र सरकार ने उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दिया था।

इस दौरान अरुण देव गौतम को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। नए डीजीपी के नाम पर केंद्र सरकार से मोहर लगाने के बाद औपचारिक तौर पर नए डीजीपी की घोषणा की जाएगी।अब उनकी नियुक्ति पूरी तरह से डीजीपी के रूप में होने की संभावना है।

डीजीपी का पद राज्य पुलिस की सर्वोच्च स्थिति होती है और इस पद पर नियुक्ति के बाद अधिकारी की जिम्मेदारियां और अधिक बढ़ जाती हैं। अरुण देव गौतम का पुलिस सेवा में एक लंबा और अच्छा  सफर रहा है।

और उनकी नई जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ पुलिस की दिशा और रणनीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।उनके अनुभव, प्रशासनिक कौशल और जनता से जुड़ने की क्षमता, राज्य की पुलिस व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने में सहायक साबित होगी।

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