Naxalites network in MP : नक्सलियों का नया सेफ जोन? सरकार अलर्ट पर

सीधी-सिंगरौली जिले के माड़ा के जंगलों में नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ा है, जहां करीब 20-25 नक्सलियों के सक्रिय होने की जानकारी मिली है। 

Naxalites network in MP: मध्यप्रदेश में नक्सली गतिविधियां लगातार बढ़ती दिख रही हैं। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की सख्ती के बाद अब नक्सलियों ने मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों को अपना नया ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीधी-सिंगरौली जिले के माड़ा के जंगलों में नक्सलियों का मूवमेंट बढ़ा है, जहां करीब 20-25 नक्सलियों के सक्रिय होने की जानकारी मिली है।

माड़ा जंगल कैसे बना नक्सलियों का सेफ जोन

माड़ा का जंगल, जो सीधी और सिंगरौली जिले की सीमा पर स्थित है, घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे नक्सलियों के लिए आदर्श सेफ जोन बनाती है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और नारायणपुर में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई के बाद नक्सली नए ठिकानों की तलाश में हैं। माड़ा का जंगल इस लिहाज से सुरक्षित विकल्प साबित हो रहा है।

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कान्हा के रास्ते बालाघाट और डिंडौरी तक पहुंच

पिछले वर्षों में नक्सली कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते मध्यप्रदेश के बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में सक्रिय रहे हैं। अब सीधी-सिंगरौली क्षेत्र में उनकी मौजूदगी चिंताजनक है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों ने इस इलाके को एक रणनीतिक ठिकाने के रूप में चुना है, जहां से वे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में अपने नेटवर्क को मजबूत कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई के बाद बढ़ी सक्रियता

4 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ ने बड़े ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके बाद नक्सलियों ने मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर रुख किया है। माड़ा के जंगल में हाल के दिनों में कुछ नए चेहरों की मौजूदगी स्थानीय निवासियों और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर रही है।

सुरक्षा एजेंसियां और सरकार अलर्ट पर

इंटेलिजेंस ब्यूरो से मिले इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। राज्य सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त सुरक्षा बल और मदद की मांग की है। इस क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है, और स्थानीय लोगों को भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

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स्थानीय लोगों के लिए बढ़ती चिंता

माड़ा और आसपास के गांवों में रहने वाले लोग इन घटनाओं से परेशान हैं। उन्हें डर है कि नक्सलियों की बढ़ती उपस्थिति से क्षेत्र में अस्थिरता और हिंसा का खतरा बढ़ सकता है।

 

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