MPESB NEWS : इस तकनीक से रुकेंगे, MPESB की परीक्षा में होने वाले फर्जीवाड़े ,जानिए कैसे करेगा काम
इस तकनीक के द्वारा आवेदन पत्र स्कैन किए जाएंगे। जिससे कि किसी विशेष परीक्षा केंद्र में असामान्य संख्या में आवेदन तो नहीं किए गए हैं
MPESB NEWS : मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल में अब किसी भी प्रकार के फर्जीबाड़े को रोकने के लिए कर्मचारी चयन मंडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेगा। इस तकनीक का उपयोग अब फर्जीवाड़ी को रोकने के लिए किया जा रहा है।यह एक नई पहल पटवारी और शिक्षक भर्ती जैसी परीक्षाओं के विवाद के बाद लाई गई है। इस नई तकनीक का उपयोग करके इस परीक्षा को पारदर्शी और विवाद रहित बनाने के उद्देश्य किया जा रहे हैं।
AI ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) क्या है
भर्ती के लिए AI का तात्पर्य भर्ती प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक के अनुप्रयोग से है, जो भर्ती के विभिन्न पहलुओं को सुव्यवस्थित और स्वचालित बनाता है।भर्ती के लिए AI उम्मीदवारों की सोर्सिंग और स्क्रीनिंग, रिज्यूमे और नौकरी के आवेदनों का विश्लेषण, पूर्व-रोजगार आकलन करने में मदद करेगा।
AI भर्तीकर्ताओं को सही निर्णय लेने के लिए डेटा की शक्ति का उपयोग करने की अनुमति देता है।वैश्विक AI बाजार के 2030 तक $1.8 बिलियन से अधिक तक पहुँचने की उम्मीद के साथ परिवर्तन होगा
यह AI तकनीक कैसे काम करेगी
- इस तकनीक के द्वारा आवेदन पत्र स्कैन किए जाएंगे। जिससे कि किसी विशेष परीक्षा केंद्र में असामान्य संख्या में आवेदन तो नहीं किए गए हैं यह पता लगाया जाएगा।
- परीक्षा के दौरान यह तकनीक सुनिश्चित करेगी की परीक्षा में वही व्यक्ति है या नहीं इसके लिए फेस रिकॉग्निशन सिस्टम रखा जाएगा। इसके द्वारा वही व्यक्ति परीक्षा में वही बैठेगा जिसने आवेदन किया है।
- AI सॉफ्टवेयर के द्वारा यह पता लगाया जाएगा कि किसी प्रश्न को हल करने में कितना समय लगता है।अगर सवालों को हल करने में लगने वाला समय एक समान है या फिर असामान्य है तो इसे संदिग्ध माना जाएगा।
MPESB में AI का उपयोग
- एमपीईएसबी परीक्षा में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए AI तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इससे परीक्षा में पारदर्शिता और फर्जीवाड़ी को काम किया जा सकता है।
- एमपीईएसबी में इस तकनीक का उपयोग करके परीक्षा शुरू होने के 5 मिनट पहले प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे।
- इस तकनीक के द्वारा कंट्रोल रूम से लाइव निगरानी और हाईटेक सीसीटीवी के माध्यम से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जा सकती है।
- बायोमैट्रिक आथेंटिफिकेशन और उपस्थिति दर्ज करने का काम अब परीक्षा लेने वाली एजेंसी के साथ सुरक्षा एजेंसी भी करेगी।
- एजेंसियां परीक्षा केंद्र पर भौतिक, साइबर सुरक्षा, सर्वर, नेटवर्क सिक्योरिटी सहित गोपनीयता सुनिश्चित भी करेगी।
इस तकनीक से परीक्षा में होगा बदलाव
- अब एमपीईएसबी परीक्षा की प्रक्रिया को तीन एजेंसियां सभालेगी।एक परीक्षा संचालन करेगी, दूसरी प्रश्न पत्र का निर्माण करेगी और तीसरी ए माड्यूल का काम करेगी।
- परीक्षा शुरू होने से ठीक 5 मिनट पहले प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे
- परीक्षा केदो की गतिविधियों पर हाईटेक कंट्रोल रूम से नजर रखी जाएगी।
- इस नई व्यवस्था के तहत हर अभयार्थी के डाटा का विशेष विश्लेषण किया जाएगा।
- इस तकनीक के द्वारा परीक्षा संचालन की एजेंसियों की भी निगरानी रख सकते हैं और एमबीबीएसपी को रिपोर्ट भेजी जाएगी
फर्जीबाडे के मामले में रेड अलर्ट भेजेगा सिस्टम
AI तकनीक से ऑनलाइन परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा पकड़ा जाएगा। तो Al सिस्टम रेड अलर्ट देगा। इसके जरिये सॉफ्टवेयर परीक्षार्थी के प्रश्नपत्र हल करने के तरीके और समय पर नजर रखेगा। परीक्षार्थी किस प्रश्न पर कितनी देर रुका, प्रश्नों को हल करने में कितना समय लगा, कितनी देर वह खाली बैठा रहा।