MP Sourabh Sharma Case : सौरभ शर्मा मामले में लोकायुक्त पुलिस फिर सक्रिय,सीडीआर से खुल सकते हैं नए राज

  • सौरभ शर्मा केस का खुलासा
  • सौरभ शर्मा का रटे रटाए जवाब
  • सीडीआर से होंगे नए खुलासे?

MP Sourabh Sharma Case : राजधानी भोपाल में हुए एक चौंकाने वाले घोटाले में लोकायुक्त पुलिस एक बार फिर से एक्टिव हो गई है। यह मामला आरटीओ (रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस) के पूर्व कर्मचारी सौरभ शर्मा और उसके साथियों द्वारा किए गए चेक पोस्ट घोटाले से जुड़ा हुआ है।

यह घोटाला इतना बड़ा था कि इसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति, भारी मात्रा में सोना और नकदी , चांदी की सिल्लियां, एसयूवी की बरामदगी हुई थी।अब लोकायुक्त पुलिस ने इस घोटाले की गुत्थी सुलझाने के लिए  एक नया कदम उठाया है।

जिसमे वे सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) जाचने की योजना बना रहे हैं। इससे यह पता चलेगा कि इन आरोपियों के बीच कौन-कौन लोग शामिल थे और इनकी बातचीत का मुद्दा क्या था।

सौरभ शर्मा और उसके साथियों का काले कारोबार का खुलासा

यह मामला पहले तब चर्चा में आया था, जब लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ छापेमारी की थी। सौरभ शर्मा, जो पहले आरटीओ विभाग में आरक्षक था, अपने साथियों के साथ मिलकर चेक पोस्ट घोटाले में जुड़ा हुआ था। यह घोटाला इतना बड़ा था कि इसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद जब्त किया गया था।

पुलिस और लोकायुक्त के अधिकारियों ने जब सौरभ के ठिकानों पर छापा मारा तो सच्चाई का पर्दाफाश हुआ। इस घोटाले से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद,इस मामले ने और भी बड़ा रूप ले लिया है।

सौरभ शर्मा और उसके साथियों ने गलत तरीके से कागजात में हेर-फेर कर लाखों रुपये का चेक पोस्ट पर धोखा किया है। इसके माध्यम से न सिर्फ सरकारी खजाने को लुटा है बल्कि उनके काले कारोबार के कई कनेक्शन भी सामने आए है।

सौरभ शर्मा का रटे रटाए जवाब

ईडी (एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) की पूछताछ में भी सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल ने लगातार रटे रटाए जवाब दिए। पूछताछ के दौरान, इन तीनों ने कोई नई बात सामने नहीं रखा और लगातार एक ही बात बोलते जा रहे है। इसके बाद, ईडी को भी शक हुआ कि ये लोग या तो घोटाले के अन्य कनेक्शन को छुपा रहे हैं, या फिर किसी और को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

ईडी और लोकायुक्त की ओर से इनकी हरकतों की कड़ी जांच की जा रही है। और कोई भी नया सुराग मिलने पर इनकी मुश्किलें और भी अधिक बढ़ सकती है।

सीडीआर से होंगे नए खुलासे?

लोकायुक्त पुलिस ने अब सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) की मदद से इस मामले की जांच को और गहराई से अध्ययन करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे है।सीडीआर की मदद से यह पता किया जाएगा कि सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के बीच कौन-कौन लोग संपर्क में थे।

फोन कॉल्स के डेटा से यह भी साफ हो जाता है कि इनकी बातचीत की सीमा कितनी थी और इनकी बातचीत में किन महत्वपूर्ण लोगों का नाम सामने आ सकता है। यह सीडीआर जांच इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद की जा रही है, जो एक अहम कदम हो सकता है।

सौरभ शर्मा का फोन हिरासत में ले लिया गया है।जबकि चेतन और शरद ने अपने-अपने फोन खोने की बात बोली है। लेकिन लोकायुक्त पुलिस को इन दोनों आरोपियों के बयान पर शक हो रहा है और जांच जारी रखी गई है।

सीडीआर के माध्यम से इनकी सभी बातचीत की जांच की जाएगी जिससे यह पता लगाया जा सके कि वे किससे, कहां और कब बातचीत कर रहे थे। यह जांच घोटाले के बड़े पैमाने पर अन्य नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है।जो अभी तक उजागर नहीं हो पाए थे।

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