MP Private School: इन बड़ी वजह के चलते प्रदेश के 8000 स्कूल हो सकते है बंद,जानिए

  • करीब 6 हजार से ज्यादा स्कूलों ने नही किया आवेदन
  • सरकार को अभिभावक के विरोध का सामना
  • मान्यता के लिए आवेदन की अन्तिम तारीख

MP Private School: मध्यप्रदेश में निजी स्कूल में पढ़ने वाले लाखों छात्रों का भविष्य संकट में है। स्कूल शिक्षा विभाग और राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा लागू किए गए नियमो के अनुसार प्रदेश के 8000 से अधिक प्राइवेट स्कूलों की मान्यता अधर में लटकी हुई है।

बोर्ड कक्षा की परीक्षा के बाद नए सत्र की शुरुआत होना हैं। लेकिन, उससे पहले ही राज्य में बड़े पैमाने पर स्कूलों पर ताले लटक रहे है। 10 फरवरी को मान्यता के लिए आवेदन की अन्तिम तारीख थी।लेकिन फिर भी इतने सारे स्कूल ने आवेदन नहीं किया। इनमें भोपाल के 232 स्कूल भी शामिल है।

करीब 6 हजार से ज्यादा स्कूलों ने नही किया आवेदन

हम आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में करीब 6 हजार से ज्यादा स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है। करीब, 12 हजार स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन तो किया था, लेकिन मान्यता प्राप्त करने के लिए उन्होंने पूरे  दस्तावेज नहीं लगाए थे। मतलब आवेदन करने वाले स्कूल भी नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते  आगामी दिनों में मध्य प्रदेश के निजी स्कूल बड़े पैमाने में बंद हो सकते हैं।

232 स्कूलों ने नहीं किया आवेदन

ऐशबाग स्थित ब्लू बेल स्कूल के संचालक और प्रदेश संचालक मंच के कोषाध्यक्ष मोनू तोमर ने कहा है कि 232 स्कूल ऐसे स्कूल है  जिन्होंने मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है  और बह नए नियमों के आधार पर मान्यता लेने के लिए तैयार ही नहीं है।उन्होंने यह भी कहा कि उनके स्कूल में करीब 370 बच्चे पढ़ते हैं। यदि स्कूल को मान्यता नहीं मिलती है, तो करीब 10 लाख बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ेगा।

सरकार को अभिभावक के विरोध का सामना

मोनू चौहान तोमर नीचे चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने मान्यता नियमों में कोई संशोधन नहीं किया तो इस बार सरकार को अभिभावकों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।स्कूलों को मानता नहीं मिलने पर अभिभावक सरकार के खिलाफ आंदोलन कर सकते हैं।

स्कूल प्रिंसिपल ने की माग

एल स्क्वायर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ललिता मेवाड़ा ने कहा है कि उनके स्कूल में करीब 180 बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने मान्यता के लिए आवेदन तो किया है, लेकिन उसे लॉक नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 10 फरवरी की अंतिम तिथि निकल जाने के बाद 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया ,और आवेदन शुल्क 12 हजार से बढ़कर 17 हजार रुपये हो गया है।

स्कूलों की मान्यता के रिन्युअल का आवेदन करने का समय शिक्षा विभाग द्वारा 10 फरवरी तक रखा गया था। नए नियम को लेकर स्कूल संचालक भोपाल में हड़ताल कर चुके है।इसे लेकर शिक्षा मंत्री के बंगले के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया गया था। इनमें मुख्य रूप से नए नियम में रजिस्टर्ड किरायेनामे का विरोध किया गया था

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