Mp Paddy scam : 22 समितियों पर एफआईआर, 28590 किलोग्राम चावल की बरामदगी

मध्यप्रदेश के धान उत्पादन के प्रमुख जिले बालाघाट में एक और घोटाला सामने आया है, जहां किसानों से खरीदी गई धान में भारी गड़बड़ी की गई। ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई शुरू की है।

  • बालाघाट में 22 समितियों पर एफआईआर दर्ज, करोड़ों रुपये की धान हेराफेरी पकड़ी गई।
  • शकुंतला देवी राइस मिल में 28590 किलोग्राम चावल की बरामदगी, राइस मिल मालिक के खिलाफ एफआईआर।
  • ईओडब्ल्यू ने गंभीरता से लिया मामला, सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Mp Paddy scam : बालाघाट जिले को मध्यप्रदेश का “धान का कटोरा” कहा जाता है। यहां के खेतों में उगाया गया धान प्रदेश की खाद्यान्न आवश्यकता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यही वजह है कि यहां धान की खरीद-फरोख्त में हर साल कोई न कोई घोटाला सामने आता रहता है।
इस बार भी एक बड़ा धान घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें सैकड़ों क्विंटल धान के साथ गड़बड़ी की गई और समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान में जमकर हेराफेरी की गई। अब इस मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराधों की शाखा) ने शिकंजा कस लिया है और जांच तेज कर दी है।

ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आई करोड़ों की धान की हेराफेरी

इस बार बालाघाट में धान खरीदी के दौरान बड़ा घोटाला सामने आया है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू की और कई समितियों पर कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार, 22 समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन पर धान खरीदी में हेराफेरी का आरोप है।
एफआईआर में यह खुलासा हुआ है कि यहां किसानों से धान तो खरीदी गई, लेकिन उसे सही तरीके से रजिस्टर नहीं किया गया, या फिर उस धान का सही मूल्य नहीं दिया गया। साथ ही, कई मामलों में घटतौली भी की गई।

राइस मिल के मालिक पर भी एफआईआर

इतना ही नहीं, बालाघाट जिले के राइस मिलों में भी गड़बड़ी पाई गई है। शकुंतला देवी राइस मिल सिवनी में 28590 किलोग्राम चावल से भरा हुआ वाहन पकड़ा गया है। यह चावल बालाघाट जिले से खरीदी गई धान का था। इस मामले में राइस मिल के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले को गंभीरता से लिया और राइस मिल के खिलाफ कार्रवाई की है।

22 समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

ईओडब्ल्यू ने इस पूरे मामले की जांच करते हुए 22 समितियों पर एफआईआर दर्ज की है। जिन समितियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, वे इस प्रकार हैं

– आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मोहगांव
– उकवा
– कुमादेही
– चरेगांव
– टाकाबर्रा
– नांदी
– तिरोड़ी
– भण्डेरी (बैहर)
– जरेरा
– कारंजा
– सिवनी कलासारद
– चिखला सालेटेका
– बम्हनी हरदोली
– धनकोषा
– बोथवा
– महकेपार
– परसवाड़ा
– खैरलांजी
– कटोरी
– मोहगांव घाट
– सालेबर्डी
– रामपायली
– भजियादण्ड
– टेकाड़ी घाट

इन समितियों पर आरोप है कि यहां धान की खरीदी में कई प्रकार की गड़बड़ियां की गई हैं, और किसानों को उनका हक नहीं दिया गया। इन समितियों पर कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू ने जांच तेज कर दी है।

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