Mp News:शिक्षा विभाग के BRC 13 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
मध्यप्रदेश के इंदौर में लोकायुक्त की टीम ने शिक्षा विभाग के बीआरसी को 13 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा, जिसने स्कूल की मान्यता बढ़ाने के लिए रिश्वत की मांग की थी।
- लोकायुक्त ने रंगेहाथ पकड़ा, बीआरसी को 13,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए।
- स्कूल संचालक ने रिश्वत की मांग को लेकर लोकायुक्त में शिकायत की थी।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी कार्रवाई में लोकायुक्त ने सफलता पाई।
Mp News: मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई की एक और मिसाल सामने आई है। यह मामला इंदौर का है, जहां शिक्षा विभाग के बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर) को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया।
यह घटनाक्रम इस बात का प्रमाण है कि लोकायुक्त का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन बावजूद इसके कुछ अधिकारी अभी भी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं।
रिश्वत का मामला कैसे खुला?
इंदौर के तिलक नगर इलाके में एक प्राइवेट स्कूल चलाने वाले आशुतोष सैनी ने लोकायुक्त से संपर्क किया था। उन्होंने शिकायत की थी कि शिक्षा विभाग के बीआरसी, माताप्रसाद गौड़, ने स्कूल की मान्यता तीन साल के लिए बढ़ाने के बदले 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
लोकायुक्त की टीम ने पूरी तरह से इस मामले को छानबीन किया और पुष्टि होने पर उन्होंने स्कूल संचालक आशुतोष सैनी को 13,000 रुपये की रिश्वत देकर बीआरसी के पास भेजा। जैसे ही बीआरसी ने ये पैसे लिए, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
रिश्वत लेने वाले अधिकारी को पकड़ा गया
माताप्रसाद गौड़ जैसे ही रिश्वत के पैसे लेने के लिए आगे बढ़े, लोकायुक्त की टीम ने उसे सादे कपड़ों में रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत की गई। यह एक और बड़ी जीत है लोकायुक्त की टीम के लिए, जिन्होंने शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को बेनकाब किया।
मध्यप्रदेश में बढ़ती कार्रवाई
मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया हो। दरअसल, हर दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर कर्मचारियों और अधिकारियों को पकड़ने की कार्यवाही कर रही है, लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज नहीं आ रहे हैं।