MP News : मध्य प्रदेश में फिर होने जा रहा है एक नया बदलाव, बनने जा रहा है नया जिला

मध्य प्रदेश में एक और नया जिला बनने की तैयारी, पांढुर्णा के बाद अब परासिया जिला बनाने का प्रस्ताव, प्रदेश के विकास के लिए एक और कदम।

MP News : मध्य प्रदेश में विकास के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर भी कई बदलाव हो रहे हैं। अब फिर से प्रदेश के नक्शे में बदलाव होने वाला है। छिंदवाड़ा जिले के कुछ हिस्सों को लेकर परासिया नया जिला बनने जा सकता है। यह प्रस्ताव विधानसभा में चर्चा के बाद सामने आया, जब परासिया विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने इस मुद्दे को उठाया। इस पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने जानकारी दी कि इस प्रस्ताव पर परिसीमन आयोग विचार कर रहा है।

छिंदवाड़ा जिले के तीन हिस्से हो सकते हैं

हाल ही में छिंदवाड़ा जिले से पांढुर्णा तहसील को अलग करके नया जिला बनाया गया था। अब अगर परासिया जिला बनता है, तो छिंदवाड़ा जिला तीन हिस्सों में बंट जाएगा। हालांकि, इस बदलाव से नए जिलों के निवासियों को प्रशासनिक कार्यों में बहुत सहूलियत मिलेगी। यह एक सकारात्मक कदम होगा, क्योंकि छोटे जिलों में लोगों को स्थानीय प्रशासन से जुड़ी समस्याओं का हल जल्द मिल सकेगा।

सागर में भी दो नए जिलों की मांग

मध्य प्रदेश में केवल परासिया ही नहीं, बल्कि सागर जिले में भी दो नए जिलों की मांग लंबे समय से की जा रही है। सागर जिले में 12 तहसीलें हैं, और उनमें से बीना और खुरई जैसी बड़ी तहसीलों को जिला बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस मामले पर भी परिसीमन आयोग विचार कर रहा है।

नए जिलों का गठन कैसे हो सकता है

मध्य प्रदेश के विकास के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। जब किसी राज्य में जिलों का पुनर्गठन किया जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप कई संरचनात्मक और व्यवस्थागत बदलाव आते हैं। यह राज्य सरकार के प्रशासनिक ढांचे को अधिक सुदृढ़ और सुलभ बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करता है कि विकास की गति पूरे राज्य में समान रूप से फैले और कोई भी क्षेत्र पिछड़ने न पाए।

क्या है परिसीमन आयोग का रोल?

परासिया जिले के गठन के प्रस्ताव पर वर्तमान में परिसीमन आयोग विचार कर रहा है। परिसीमन आयोग का काम विभिन्न जिलों और तहसीलों की सीमाओं को निर्धारित करना और उन क्षेत्रों के प्रशासनिक निर्माण के लिए सुझाव देना होता है। आयोग राज्य के भूगोल, जनसंख्या और विकास के पैमाने पर विचार करता है, ताकि नए जिलों के गठन से किसी भी इलाके में विकास की गति प्रभावित न हो।

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