mp geeta jayanti world records: गीता जयंती पर भोपाल में सस्वर गीता पाठ से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

भोपाल के रामलीला मैदान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में लगभग 50,000 से अधिक लोग एक साथ एक ही समय में गीता के श्लोकों का पाठ कर रहे थे।

mp geeta jayanti world records : भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विविधता का कोई अंत नहीं है, और जब बात आती है भारत के धार्मिक ग्रंथों और उनके महत्व की, तो ‘भगवद गीता’ का नाम सबसे ऊपर आता है। इसे न केवल एक धर्मग्रंथ, बल्कि जीवन जीने का एक अद्भुत मार्गदर्शन माना जाता है।

यही कारण है कि ‘गीता जयंती’ के अवसर पर मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल में एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना घटी। इस अवसर पर सस्वर गीता पाठ का आयोजन किया गया, जिसे “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में दर्ज किया गया। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी जिसने प्रदेश और देश को गर्व महसूस कराया।

गीता जयंती और उसका महत्व

‘गीता जयंती’ वह दिन है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध भूमि पर उपदेश दिया था, जिसे हम आज ‘भगवद गीता’ के नाम से जानते हैं। यह दिन भारतीय संस्कृति में अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि गीता केवल एक धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक अनुशासन और मार्गदर्शन प्रदान करती है।

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म, कर्म, भक्ति, और योग के माध्यम से जीवन के सच्चे अर्थ को बताया। गीता का संदेश न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरे मानवता के लिए एक अमूल्य धरोहर है।

हर वर्ष ‘गीता जयंती’ के दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों और पूजा-अर्चनाओं का आयोजन होता है, जिनमें श्रद्धालु गीता के श्लोकों का पाठ करते हैं। इस दिन का उद्देश्य गीता के महत्व को समाज में जागरूकता फैलाना और इसके शाश्वत संदेश को जन-जन तक पहुंचाना होता है।

भोपाल में हुआ ऐतिहासिक आयोजन

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ने गीता जयंती के अवसर पर एक विशेष आयोजन किया, जो ना केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय बन गया। इस आयोजन में भोपाल के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों भक्तों और आचार्यों ने एक साथ सस्वर गीता पाठ किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसके द्वारा मध्यप्रदेश ने एक नया इतिहास रच दिया।

भोपाल के रामलीला मैदान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में लगभग 50,000 से अधिक लोग एक साथ एक ही समय में गीता के श्लोकों का पाठ कर रहे थे। इस आयोजन का उद्देश्य गीता के शाश्वत और सार्वभौमिक संदेश को पूरे संसार में फैलाना था। इस अद्वितीय कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक भावना को जगाया, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश भी था।

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज

इस विशाल और ऐतिहासिक आयोजन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी संख्या में लोग एक साथ सस्वर गीता पाठ नहीं कर पाए थे। यह रिकॉर्ड ने न केवल मध्यप्रदेश के लोगों को गौरवान्वित किया, बल्कि देशभर में गीता की महत्वता और इसके संदेश को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया।

गिनीज बुक का नाम सुनते ही हमारे मन में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रिकॉर्ड का ख्याल आता है, और भोपाल के इस आयोजन ने यह साबित किया कि भारतीय संस्कृति और धर्म की शक्ति किसी भी स्तर तक पहुंच सकती है।

यह आयोजन दर्शाता है कि गीता का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना कि प्राचीन काल में था। इसके माध्यम से एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुड़ना और गीता के श्लोकों का उच्चारण करना यह सिद्ध करता है कि भारतीय धर्म, संस्कृति और तात्त्विक विचारधारा आज भी पूरे विश्व में महत्वपूर्ण है।

इस ऐतिहासिक आयोजन में कई महत्वपूर्ण पहलू

  1. विशाल प्रतिभागिता: भोपाल के रामलीला मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में 50,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जो एक साथ गीता के श्लोकों का पाठ कर रहे थे। यह एक अभूतपूर्व दृश्य था। इतना बड़ा आयोजन किसी धार्मिक अनुष्ठान के रूप में भारत में पहले कभी नहीं हुआ था।
  2. आचार्यगण की भूमिका: इस आयोजन में आचार्यगण की प्रमुख भूमिका थी। वे न केवल श्लोकों का पाठ कर रहे थे, बल्कि उन्होंने आयोजन में श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन भी किया। इन आचार्यों ने गीता के प्रत्येक श्लोक का सही उच्चारण और अर्थ समझाया, जिससे आयोजन में भाग लेने वाले लोगों को गीता के संदेश को और बेहतर तरीके से समझने का अवसर मिला।
  3. संगीत और भक्ति: आयोजन में गीता पाठ के साथ भक्ति संगीत भी बजाए गए, जो वातावरण को अत्यधिक दिव्य बना रहे थे। यह आयोजन एक सजीव भक्ति उत्सव की तरह महसूस हो रहा था।
  4. प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक वातावरण: रामलीला मैदान का प्राकृतिक सौंदर्य और वातावरण इस आयोजन को और भी प्रभावी बना रहा था। मैदान में स्थापित शिवलिंग, देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और पूजा के साधन इस धार्मिक अवसर की गंभीरता को और भी बढ़ा रहे थे।
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गीता का संदेश

भगवद गीता के श्लोकों में जीवन के हर पहलू पर गहन विचार किया गया है। यह ग्रंथ न केवल एक धार्मिक अनुशासन का पालन करने की प्रेरणा देता है, बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक संतुलन बनाए रखने का मार्ग भी बताता है। गीता के श्लोकों में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म, योग, भक्ति, और ध्यान के माध्यम से जीवन के सर्वोत्तम मार्ग को प्रस्तुत किया है।

इस आयोजन से यह संदेश गया कि गीता का ज्ञान और उसकी शिक्षा केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं है। बल्कि यह वैश्विक है और पूरे विश्व को एकजुट करने की क्षमता रखता है। आज जब हम दुनिया भर में बढ़ती तनाव, संघर्ष और अव्यवस्था देखते हैं, गीता का मार्गदर्शन बहुत जरूरी है।

 

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