Mp Cabinet decisions : ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा जल्द मिलेगा, सरकार की बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लिया है, जल्द ही जिलों में मुआवजा वितरण शुरू होगा। साथ ही कई अन्य फैसलों पर भी मुहर।

- ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा।
- गुड़ी पड़वा पर मंत्री जिलों में जाएंगे और उत्सव में भाग लेंगे।
- राज्य में सोलर प्लांट लगाने की मंजूरी, जल संकट से निपटने की तैयारी।
Mp Cabinet decisions : मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सोमवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में उन्होंने ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की। इसके साथ ही कई अन्य अहम मुद्दों पर भी निर्णय लिए गए, जिनका राज्य के विकास और नागरिकों की भलाई से सीधा संबंध है।
किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश दिए हैं। कलेक्टर अपनी टीम के साथ सर्वे करेंगे और उसके बाद मुआवजे का वितरण आपदा प्रबंधन के तहत किया जाएगा। यह मुआवजा किसानों के लिए राहत का एक बड़ा कदम साबित होगा, जिनकी फसलें बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को तुरंत सहायता मुहैया कराई जाए। इससे न सिर्फ किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उनकी उम्मीदें भी जगी रहेंगी।
गुड़ी पड़वा पर उत्सव का आयोजन, मंत्रियों को जिलों में भेजने का आदेश
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा निर्णय लिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि वे गुड़ी पड़वा के त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाने के लिए किसी न किसी जिले में उपस्थित रहें। यह एक महत्वपूर्ण पर्व है और सरकार चाहती है कि सभी मंत्री इसे महत्व दें और लोगों के बीच जाकर इसे मनाएं।
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कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक के दौरान इस फैसले के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्रदेश के हर जिले में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। मंत्रियों के जिलों में पहुंचने से राज्य की संस्कृति और त्योहारों के महत्व को भी बढ़ावा मिलेगा।
सोलर प्लांट को मिली मंजूरी, आत्मनिर्भर नगर निगम की दिशा में एक और कदम
सरकार ने आत्मनिर्भर नगर निगम और नगर पालिका की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में चार बड़े सोलर प्लांट लगाने के लिए मंजूरी दे दी है। इन सोलर प्लांट्स के जरिए नगर निगम और नगर पालिका के संचालन का खर्च कम करने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम न केवल वित्तीय रूप से राज्य को मजबूत बनाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सोलर प्लांट लगाने की अनुमति भी दे दी गई है। इससे जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा, जो राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जल संकट से निपटने के लिए मंत्रियों को दिए गए निर्देश
गर्मी का मौसम शुरू होते ही जल संकट की समस्या भी गंभीर होने लगती है। इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिलों में जल संकट से निपटने की तैयारी करें। सीएम ने कहा कि पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
साथ ही, सीएम ने पशुओं और पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। गर्मियों में पानी की कमी से न केवल मनुष्यों को परेशानी होती है, बल्कि पशुओं और पक्षियों के लिए भी यह एक बड़ा संकट बन सकता है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए जल्द ही जलसंकट पर काबू पाने के उपायों को लागू करने की बात की।
26वीं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का उद्घाटन, रिकॉर्ड बनाती मध्य प्रदेश सरकार
मध्य प्रदेश ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। ओंकारेश्वर में प्रदेश की 26वीं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को मंजूरी मिल गई है। यह सेंचुरी 614 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और यहां कोई भी वन ग्राम नहीं है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश ने देश में सबसे ज्यादा वन्यजीव सेंचुरियों का रिकॉर्ड भी बना लिया है। यह वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
GIS और औद्योगिक परियोजनाओं पर प्रमुख सचिव करेंगे साप्ताहिक समीक्षा
प्रदेश में जीआईएस (Geographical Information System) के तहत कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करने के लिए प्रमुख सचिव को जिम्मेदारी दी गई है। इस समीक्षा में राज्य सरकार को हर परियोजना की प्रगति और समस्याओं का जायजा मिलेगा।
इसके अलावा, भिंड और चंबल क्षेत्र में 18 भूमिपूजन किए गए हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को गति देना है। इसके तहत आगामी दिनों में सात और औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन किया जाएगा। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।