MP Big News : मध्यप्रदेश के इस जिले को मिलेगा नया टाइगर रिजर्व क्षेत्र, सीएम मोहन यादव ने किया ऐलान
- प्रकृति और संतुलन की यह अनमोल झलक
- एक और टाइगर रिजर्व की सौगात
- वर्तमान में प्रदेश में आठ प्रमुख टाइगर रिजर्व
MP Big News : मध्यप्रदेश को जल्द ही 9वां टाइगर रिजर्व की सौगात मिलने वाली है। एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज यह ऐलान कर दिया है। माध्व राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने की सभी औपरचारिकताएं पूरी हो गई है। मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
मोहन सरकार ने दो दिन पहले शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया था, जबकि अब भोपाल जिले से लगे रातापानी अभ्यारण्य को भी टाइगर रिजर्व का दर्जा दे दिया गया है।
प्रकृति और संतुलन की यह अनमोल झलक
माधव टाइगर अभयारण्य जल्द ही राज्य का 9वां टाइगर रिजर्व बनने बाला है।जिससे चंबल अंचल में वन्यजीवों की समृद्धि बढ़ेगी। इससे पहले बुधवार को 5 और चीते छोड़े गए हैं। उनमें से तीन का जन्म मध्यप्रदेश में हुआ है।
और सबसे गर्व की बात यह है कि पहले छोड़े गए चीते न केवल शिकार कर रहे हैं। बल्कि कुशलता से जंगल में विचरण कर रहे हैं। प्रकृति और संतुलन की यह अनमोल झलक हमारे प्रदेश में दिख रही है।
एक और टाइगर रिजर्व की सौगात
हम आपको बता दे की राष्ट्रीय बाल संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने पिछले साल शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी थी। मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व के मामले में बाघों के संरक्षण के साथ-साथ उनके आवासों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। एनटीसीए की समिति ने बाघ अभ्यारण का कोर 375 वर्ग किलोमीटर, बफर जोन 1276 वर्ग किलोमीटर और कुल क्षेत्रफल 1757 वर्ग किलोमीटर होगा।
वर्तमान में प्रदेश में आठ प्रमुख टाइगर रिजर्व
एमपी में 785 बाघ हैं माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने से पहले वर्तमान में प्रदेश में आठ प्रमुख टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, रातापानी और नौरादेही हैं। अब और माधव नेशनल पार्ट के टाइगर रिजर्व बनने से ये संख्या 9 हो गई है।जो प्रदेश में बाघों की बढ़ती संख्या और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
किस वर्ष इनको टाइगर रिजर्व बनाया
- कान्हा नेशनल पार्क पहला टाईगर रिजर्व 1 जून 1955 को बनाया गया था और 1973 में कान्हा टाइगर रिजर्व बनाया गया था।
- संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की स्थापना 1975 में जिले के जैव विविधता से भरपूर वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए की गई थी।
- नौरादेही वन्य अभ्यारण्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक वन्य अभ्यारण्य है। 1,वर्ष 1975 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी।भारत के प्रमुख भौगोलिक पठारों में से एक है जो मध्य प्रदेश (भारत) के होशंगाबाद जिले में स्थित है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान एक जंगली खेल का मैदान है।1983 में इसे राष्ट्रीय उद्यान और 1992 में बाघ अभयारण्य घोषित किया गया।
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है।यह 1993 में 716 किमी 2 (276 वर्ग मील) के मुख्य क्षेत्र के साथ टाइगर रिजर्व बन गया।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का कुल कोर क्षेत्रफल 542.66 वर्ग किमी है। वर्ष 1994 में इस पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था
- रातापानी को 2 दिसम्बर, 2024 को प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।
चार साल में जारी होते हैं बाघों के आंकड़े
देशभर के वनक्षेत्र और टाइगर रिजर्व में मौजूद बाघों के आंकड़े हर चार साल में केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी होते है। पिछली बाघ गणना में प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा 785 टाइगर पाए गए थे। बाघों को संरक्षित करने के लिए वर्ष 1973 में केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया था।