Marriage : मुझे मेरी पत्नि से बचाओ,60 साल के बुजुर्ग ने शादी के 30 साल बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया,जानिए क्या है पूरा मामला
पति ने आरोप लगाया कि पत्नी और बच्चों ने नशे में मारपीट कर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और उनके खिलाफ जासूसी करवाई।
- पति का कहना है कि पत्नी ने उन पर नशे में मारपीट करने का आरोप लगा कर घर से बाहर निकाल दिया।
- काउंसलिंग के दौरान बुजुर्ग ने बताया कि पत्नी और बेटियां लगातार मारपीट करती थीं और जासूसी भी करवाई जाती थी।
- अब 30 साल की शादी के बाद बुजुर्ग ने तलाक की अर्जी दी और न्याय की गुहार लगाई है।
Marriage : भोपाल में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी लगाई है। उनका आरोप है कि पत्नी और बच्चों ने उन्हें न केवल शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया, बल्कि जासूसी भी करवाई है। 60 साल के इस व्यक्ति ने अदालत में दावा किया कि उनकी पत्नी ने उन पर नशे में मारपीट करने का आरोप लगा कर उन्हें घर से निकाल दिया और उनके खिलाफ पूरी तरह से साजिश रची।
इतना ही नहीं, उनका कहना है कि पत्नी और बच्चों ने 10 साल पहले उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और तब से वह अपनी बुजुर्ग मां के साथ अलग रह रहे हैं। इस दौरान, उनके घर पर उनकी पत्नी और बेटियों ने कब्जा कर लिया है। अब, 30 साल के रिश्ते के बाद वह तलाक की मांग कर रहे हैं।
पत्नी और बेटियों पर गंभीर आरोप
बुजुर्ग ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान उन्होंने काउंसलर शैली अवस्थी से कहा कि उनकी पत्नी और बेटियां हमेशा उनके साथ मारपीट करती थीं। इसके साथ ही, उनकी पत्नी ने दामाद से भी जासूसी करवाई। वह परेशान हो गए थे, लेकिन जब उन्होंने इसके बारे में अपनी पत्नी से बात की, तो उनका हाल और भी बुरा हो गया।
10 साल पहले घर से बाहर निकाल दिए जाने के बाद, वह अपनी मां के साथ रहने लगे थे। जबकि उनके घर पर पत्नी, बेटियां और दामाद ने कब्जा कर लिया था। यह सब घटनाएं इस बुजुर्ग व्यक्ति के लिए बेहद कठिन थीं। उन्होंने किसी से मदद नहीं मांगी, बल्कि अंत में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जासूसी और मारपीट की वजह से बढ़ी तलाक की मांग
बुजुर्ग ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य लगातार उनकी जासूसी कर रहे थे और उनका जीवन नर्क बना दिया था। पत्नी ने नशे में मारपीट करने के आरोप लगाए थे, जिससे वह पूरी तरह टूट गए थे। उनके लिए यह सब सहन करना बहुत मुश्किल था, लेकिन जब मामला इतना बढ़ गया कि वह अपनी शांति नहीं बना सके, तो उन्होंने तलाक की अर्जी दी।
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 10 साल से वह अपनी मां के साथ अलग रह रहे थे, जबकि उनका घर पूरी तरह से कब्जा लिया गया था। अब वह अदालत में न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं।
हाइकोर्ट का निर्णय: फैमिली कोर्ट का फैसला गलत ठहराया
कुछ दिन पहले, इंदौर के एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया। यह मामला रुचि और रवि का था, जो आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते थे। 2015 में उन्होंने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने तीन साल तक सुनवाई करने के बाद अगस्त 2018 में उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।
इसके बाद, दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की, और सुनवाई के 7 साल बाद हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए उनका तलाक मंजूर कर लिया। कोर्ट ने उनके 2001 में हुए विवाह को खत्म कर दिया, और यह फैसला इस मामले को एक नई दिशा दे गया।
बुजुर्ग का मामला कैसे सुलझेगा
अब सवाल यह उठता है कि इस बुजुर्ग का मामला कैसे सुलझेगा। शादी के 30 साल बाद इस तलाक ने इस बुजुर्ग को पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया है। वह अब अदालत से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं, और यह सवाल उठता है कि जासूसी और मारपीट के आरोपों के बाद रिश्ते को फिर से कैसे ठीक किया जा सकता है।
साथ ही, यह मामला समाज के लिए भी एक बड़ा संकेत है कि रिश्तों में विश्वास और पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है। क्या ऐसे रिश्तों को ठीक किया जा सकता है जहां एक-दूसरे पर जासूसी करवाई जाती हो? इस सवाल का जवाब तो कोर्ट ही दे पाएगा, लेकिन इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि कभी-कभी, किसी रिश्ते को खत्म करने का फैसला ही सबसे सही होता है।
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