Madhya Pradesh News : Mp के सरपंच का गजब का कारनामा, 500 रुपए के ई स्टांप पर ठेकेदार को सौप दी अपनी पंचायत,जानिए कहा का है मामला
इस मामले पर जनपद पंचायत के अधिकारियों ने गहरी नाराजगी जताई है और सरपंच को जल्द ही नोटिस जारी करने की बात कही गई है।
- अनुबंध पर उठे कई सवाल
- सरपंच को जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा
- सरपंच का कहना है की ?
- 500 रुपए के स्टांप में क्या लिखा है?
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश के नीमच जिले के ग्राम पंचायत दाता की सरपंच कैलाशीबाई कछावा ने हाल ही में एक बेहद चौंकाने वाला कारनामा किया है।जिसने प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच हलचल मचा दी है। उन्होंने एक मात्र 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर ठेकेदार सुरेश गरासिया को ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी सौंपने का अनुबंध किया है।
यह कदम प्रशासनिक स्तर से बेहद अनोखा और विवाद बाला माना जा रहा है। जिससे कई सवाल पैदा हो रहे है। इस मामले पर जनपद पंचायत के अधिकारियों ने गहरी नाराजगी जताई है और सरपंच को जल्द ही नोटिस जारी करने की बात कही गई है।
अनुबंध पर उठे कई सवाल
यह अनुबंध जो मात्र 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर किया गया है। अपने आप में कई गंभीर सवाल उठा रहा है। ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी एक ठेकेदार को सौंपना न केवल प्रशासनिक नियमों के खिलाफ है बल्कि यह सवाल किए जा रहे है कि क्या सरपंच के इस कदम से ग्राम पंचायत के निवासियों के हितों की रक्षा हो सकती है या नही?
ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में सरपंच की होती है,और उन्हें यह अधिकार होता है कि वे अपने पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों की निगरानी रखे। लेकिन इस मामले में सरपंच ने ठेकेदार को यह जिम्मेदारी सौंप दी है जो निजी निर्माण कार्यों या अन्य परियोजनाओं की आमतौर पर जिम्मदारी लेते है।
ऐसे में यह सवाल खड़े हो रहे है कि क्या सरपंच ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए यह कदम उठाया है।या फिर इसके पीछे कोई अन्य कारण भी हो सकता है?या ऐसा तो नहीं की कोई बड़ी बात हो?
सरपंच को जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा
जनपद पंचायत के अधिकारियों ने इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि सरपंच को जल्द ही नोटिस जारी कर दिया जाएगा।अधिकारी यह भी मानते हैं कि अगर यह अनुबंध सही पाया जाता है तो सरपंच को उनके पद से जल्दी ही हटाया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी केवल ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की होती है,और किसी ठेकेदार को यह जिम्मेदारी सौंपना प्रशासनिक नियमों का निरादर करना है।
यह मामला प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है,क्योंकि यह मामला अभी एक है इसे अन्य ग्राम पंचायतों में भी देखा जा सकता है,।और यह अन्य नेताओं को भी बढ़ावा देता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए ऐसे कदम उठा सकते हैं। इससे न केवल ग्राम पंचायतों का कार्य प्रभावित होगा बल्कि गांवों में विकास कार्यों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा।
सरपंच का कहना है की ?
सरपंच कैलाशीबाई कछावा ने कहा है कि उन्होंने यह कदम गांव के विकास के लिए उठाया था। उनका कहना है कि ठेकेदार सुरेश गरासिया ने इस अनुबंध के तहत गांव में विभिन्न विकास कार्यों के लिए योजना बनाई थी। लेकिन उनका यह कदम ग्रामीणों के बीच विवाद का कारण बन रहा था।ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच को यह जिम्मेदारी खुद उठानी चाहिए थी, न कि किसी ठेकेदार को यह कार्य करने को देना चाहिए था।
ग्रामीणों का कहना है कि यह अनुबंध ग्राम पंचायत की पारदर्शिता और जनप्रतिनिधित्व पर सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सरपंच ने जो कदम उठाया है, वह ग्राम पंचायत के विकास के लिए लाभकारी है या नहीं।जल्दी ही इस पर विचार किया जाए।
500 रुपए के स्टांप में क्या लिखा है?
आपसी अनुबध पत्र”
500/- ई स्टाम्प सलग्न है।
कैलाशीबाई पति जगदीशजी कछावा आ5 2095 6849 5877 निवासी दांता तह मनासा जिला नीमच ……. प्रथमपक्ष
सुरेश पिता गांगीलाल गयसीया आ के 7707 6261 7273 निवासी दांता तह मनासा जिला नीमच म.प्र. ….. द्वितीयपक्ष
कि में प्रथमपक्ष आप द्वितीयपक्ष के पक्ष में यह आपसी अनुबध लेख दिख देती हु
यह कि, मे प्रथमपक्ष वर्तमान में ग्राम पंचायत दाता के सरपंच के पद पर पदस्त हैं।
- यह कि, में प्रथमपक्ष अपने सरपंच के कार्य पुर्ण करने हेतु असमय हूँ जिस कारण में उक्त कार्य करने हेतु आप द्वितीयपक्ष सुरेश को अपने प्रतिनिधी के रूप में चुनती हूँ एवं आज दिनांक के बाद से ही ग्राम पंचायत दांता के सरपंच के समस्त कार्य अर्थात मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, वाटरशेड इत्यादी जो भी कार्य शासन के अन्तर्गत जो भी कार्य होते है वह समस्त कार्य आज दिनांक के बाद से ही आप श्री सुरेश पिता मांगीलालजी गरासीया मेरे स्थान पर कर सकेगे जिसमे मुझे या अन्य किसी को कोई आपत्ति नही होगी एवं आपत्ति की स्थिती में इसकी सम्पुर्ण जिम्मेदारी मेरी स्वयं की होगी एवं जब तक में सदर सरपंच पद पर रहुगी तब तक उक्त समस्त कार्य आप द्वितीयपक्ष के द्वारा ही किये जावेगे एवं मेरे द्वारा उक्त कार्य के संबध में कभी भी आपके एवं कार्य के बिच में कोई दखल नही दिया जावेगा एवं न ही किसी प्रकार की कोई आना कानी एवं आपत्ति की जावेगी। एवं जब भी सरपंच के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी तब में वहा आपकी सहमती से अपने हस्ताक्षर करूगी ।
- यह कि, आज दिनांक के बाद से उक्त समस्त कार्यों की जिम्मेदारी मेरी स्वयं की होगी एंव आपकी आज दिनांक के पुर्व की समस्त जिम्मेदारी मेरी स्वयं की रहेगी।
- यह कि, हग उभयपक्षो के मध्य तय शर्तों के अनुसार आप ओर में इनका पालन करेंगे एवं रादी कोई पक्ष इस बाद से मुकरता है जो भी हर्जा खर्चा होगा वह दोषी पक्ष उसका चार गुना भुगतान करेगा।
अतः यह अनुबधं लेख मुझ प्रथमपक्ष, के द्वारा आप द्वितीयुपक्ष के पक्ष में अपनी राजी खुशी से सम्पुर्ण होशे हवास में स्वस्थ हालत में अपनी सहमती एवं स्वीकृती से पढ़कर, सुनकर, सहि होना स्वीकार कर लिख दिया व गवाहदारो के भी
हस्ताक्षर कर निष्पादीत किया है सो सही है। तक्त्त जरूरत काम आये। ह. प्रथमपक्ष ग्राम पंचायत, वाता