रिश्वत लेते विकास खंड शिक्षा अधिकारी को लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा, 36 हजार रुपये की रिश्वत बरामद

विकास खंड शिक्षा अधिकारी रजनी अगामे पर आरोप है कि उन्होंने बिछुआ विकास खंड के 12 शासकीय छात्रावासों के अधीक्षकों से कुल 96 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।

Chhindwara bribe case: छिंदवाड़ा जिले के विकास खंड शिक्षा अधिकारी रजनी अगामे को लोकायुक्त पुलिस ने 36 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई तब की गई जब उन्होंने शासकीय छात्रावासों के अधीक्षकों से कमीशन की मांग की थी। इस मामले ने एक बार फिर भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर किया है, और यह दर्शाता है कि राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है।

कमीशन के नाम पर 96 हजार रुपये की रिश्वत की मांग

विकास खंड शिक्षा अधिकारी रजनी अगामे पर आरोप है कि उन्होंने बिछुआ विकास खंड के 12 शासकीय छात्रावासों के अधीक्षकों से कुल 96 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह रकम 50 सीटर और 100 सीटर छात्रावासों के कमीशन के रूप में मांगी गई थी। सूत्रों के अनुसार, 50 सीटर छात्रावासों से हर माह 3000 रुपये और 100 सीटर छात्रावासों से 6000 रुपये कमीशन मांगे गए थे।

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रंगे हाथ पकड़ी गईं रजनी अगामे

यह मामला तब सामने आया जब शासकीय बालक छात्रावास, धनेगांव के अधीक्षक रमेश पराड़कर ने लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की। आरोप था कि रजनी अगामे ने सितंबर और अक्टूबर महीने के लिए 96 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और रिश्वत की पहली किश्त 36 हजार रुपये लेते हुए रजनी अगामे को गिरफ्तार कर लिया।

शिकायत की पुष्टि करने के लिए पुलिस ने रिकॉर्डिंग भी कराई थी, जिसमें रजनी अगामे ने रिश्वत की पहली किश्त लेने के लिए 31,000 रुपये की मांग की थी। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की

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लोकायुक्त टीम की कार्यवाही

इस ऑपरेशन में लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने बड़ी चौकसी से कार्रवाई की। टीम में इंस्पेक्टर रेखा प्रजापति, मंजू किरण तिर्की, कमल सिंह उईके और अन्य लोकायुक्त दल शामिल थे। टीम की सक्रियता और तत्परता ने इस मामले को सफलतापूर्वक निपटाया और अधिकारी को न्याय के दायरे में लाया।

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