Ladli Behna Yojana : 5 लाख लाडली बहनों के कटे नाम,नही मिलेंगी अगली किस्त,जानिए क्या है वजह
- लाडली बहना योजना में अब कटौती
- अब तक 5 लाख महिलाओं को अयोग्य
- इस कारण हुई योजना से अपात्र
Ladli Behna Yojana : सरकार द्वारा अपने राज्य में चलाई जा रही लाडली बहनों के लिए योजना लाडली बहना योजना में अब कटौती कर दी गई है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा चलाई जा रही लाडली बहनों के लिए “लाडकी बहिन योजना “में अब तक 5 लाख महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
उनको अयोग्य घोषित करने का कारण यह है कि वह सरकारी योजना से लाभ ले रही थी या योजना के योग मापदंडों को पूरा नहीं कर रही थी।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो महिलाओं को अयोग्य घोषित की गई है। वह जनवरी 2025 में योजना का लाभ नहीं मिलेगा ना जो धनराशि 2024 दिसंबर के बीच उनके खातों में जमा हुई थी। उसे भी वापस नहीं लिया जाएगा।
यह कल्याणकारी योजना राज्य की अवधारणा के तहत सही नहीं है जानकारी के अनुसार जुलाई 2024 से जुलाई दिसंबर 2024 के बीच 5 महिलाओं के खातों में लगभग ₹450 करोड रुपए से अधिक जमा किए गए थे।इस योजना के तहत योग महिलाओं को हर माह ₹1500 की राशि सरकार द्वारा दी जा रही है।
इस कारण हुई योजना से अपात्र
- अपात्र की गई महिलाओं में से लगभग 2 लाख 30,000 महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना का लाभ ले रही है।
- 11,0000 महिलाएं 65 वर्ष से अधिक उम्र की है।
- और 1,60,000 महिलाएं के पास चार पहिया वाहन है।
- वह अन्य योजनाएं जैसे नमो सरकारी योजना का लाभ ले रही हैं।
इन महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
- 65 वर्ष की महिलाओं को लाडली बहना योजना के तहत हर माह ₹1500 मिलते हैं। उनकी वार्षिक आय ढाई लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
- इसके अलावा लाभार्थी महिला के परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
- उसके पास चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए।
- ओर कोई भी सरकारी योजना से मासिक सहायता नहीं मिल रही उसे योजना का लाभ मिलेगा
उसे सरकार के अनुसार इस योजना के तहत कुल 2 करोड़ 46 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अकाल नाथ शिंदे ने पिछले बजट सत्र में इस योजना का बजट घोषित किया था।
जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले कई लोग लुभावने योजनाओं की घोषणा भी की थी। जिससे राज्य के वित्तीय बजट घाटे में बढ़ोतरी हो रही है इस योजना के लिए सरकार ने 46000 करोड रुपए का बजट दिया था