Judge Cash Scandal : जस्टिस वर्मा ने उठाए गंभीर सवाल, क्या कुछ छुपाया जा रहा है?
जस्टिस वर्मा का बड़ा बयान: क्या जले हुए नोटों का सच सामने आएगा? स्टोर रूम से बरामद कैश पर गंभीर सवाल उठाए।
- जस्टिस वर्मा ने दिल्ली में न होने का दावा किया
- स्टोर रूम से मिले कैश से कोई संबंध नहीं
- जांच में पूरा सहयोग देने का किया वादा
- ना तो जले हुए नोटों की बोरियां दिखाई गई
Judge Cash Scandal : जस्टिस यशवंत वर्मा ने अभी कुछ समय पहले ही एक घटना को लेकर मीडिया में उठे आरोपी को खारिज करते हुए बयान दिया है। कहा है की घटना के समय वह दिल्ली में मौजूद नहीं थे। जस्टिस वर्मा ने बयान दिया है कि वह और उनकी पत्नी 15 मार्च 2025 की शाम को इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E 2303 से भोपाल से लौटे थे।उन्होंने यह भी कहा है कि मैं केवल यही चाहता हूं कि मीडिया ने मुझ पर जो आरोप लगाने और प्रेस में बदनाम करने से पहले जांच पड़ताल नहीं की है।
जस्टिस वर्मा ने यह भी सवाल उठाया है कि
जस्टिस वर्मा स्टोर रूम से जो कैश बरामद हुआ है उसको लेकर अपना बयान दिया है कि यह आउट हाउस है और घर के स्टोर रूम से बरामद कैश का मेरा या मेरे परिवार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया है कि स्टोर रूम में ना तो मैं और ना ही मेरे परिवार के किसी सदस्य ने कोई कैश रखा था यह कैश हमारा नहीं है और हम पर जो आरोप लगाए गए हैं वह भी सही नहीं है। जस्टिस वर्मा ने यह भी सवाल उठाया है कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित आसानी से पहुंच योग्य और आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोर रूम में आउट हाउस में कैश क्यों रखेंगी।
ना तो जले हुए नोटों की बोरियां दिखाई गई
जस्टिस वर्मा कमरे से बरामद हुआ काश पर कहा है कि वह उनके रहने के क्षेत्र से पूरी तरह अलग है।मुझे कभी भी आउट हाउस के स्टूडेंट में पड़े किसी भी पैसे या नकदी के बारे में जानकारी नहीं थी मेरे परिवार के सदस्यों या कर्मचारी को भी कोई कैश नहीं दिखाया गया है।
जो आग लगने वाले कमरे से बरामद हुआ था उन्होंने इस आरोप को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्टोर रूम से नोट हटाए हैं। जस्टिस वर्मा ने कहा है कि हमें ना तो जले हुए नोटों की बोरियां दिखाई गई है।और ना ही सौंप गई है आंख के बाद पूरे कचर अभी भी आवाज के एक हिस्से में मौजूद है।
जस्टिस वर्मा ने बयान दिया है कि जब यह घटना हुई उसे घटना के समय वह और उनकी पत्नी मध्य प्रदेश में नहीं थे उनके दिल्ली स्थित आवास में केवल उनकी बेटी और बुजुर्ग मां मौजूद थी
अब तक के कॉल रिकॉर्ड डाटा को निकल गया
जस्टिस यशवंत वर्मा पिछले 6 महीने मतलब 1 सितंबर 2024 से अब तक के कॉल रिकॉर्ड डाटा को निकल गया है और इस डाटा को चीफ जस्टिस को भेजा गया है इसके साथ ही जस्टिस वर्मा से यह विनती की गई है कि अपने मोबाइल फोन से बातचीत मैसेज या किसी भी प्रकार का डाटा डिलीट नहीं कर सकते हैं जस्टिस वर्मा ने अपने बयान में कहा है कि पारदर्शिता बनाए रखने और जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग देने की बात कही है।
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी के उपाध्यक्ष ने बयान दिया है कि इस मामले को गहराई से जांचा जाएगा और इस मामले को गहराई से जचने की जरूरत भी है सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात को दस्तावे जारी किए साथ ही जस्टिस वर्मा के घर से मिले हुए कैश का वीडियो भी शेयर किया है।
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