मप्र में अवैध खनिज खनन और परिवहन पर इस आधुनिक तकनीक से रखी जाएगी कड़ी नजर
E-Checkgate : मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में अवैध खनिज खनन और परिवहन पर प्रभावी रोकथाम के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित 41 ई-चेकगेट स्थापित किए जाएंगे, जो खनिज परिवहन में लगे वाहनों की निगरानी करेंगे। इस कदम से न केवल अवैध खनिज परिवहन पर कड़ी रोक लगेगी, बल्कि यह पर्यावरणीय संरक्षण और संसाधनों के दुरुपयोग को भी रोकेगा।
एआई आधारित ई-चेकगेट से अवैध परिवहन पर कड़ी नजर
मध्यप्रदेश में अवैध खनिज परिवहन की समस्या लंबे समय से जारी थी, जो न केवल खनिज संसाधनों का अनुशासनहीन उपयोग कर रही थी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही थी। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एआई आधारित ई-चेकगेट प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है।
ये ई-चेकगेटआधुनिक तकनीक जैसे वेरीफोकल कैमरा और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) से लैस होंगे। इन उपकरणों की मदद से खनिज परिवहन में शामिल वाहनों की पहचान, निगरानी और जांच की जाएगी। जिससे किसी भी अवैध परिवहन को जल्दी से पकड़ा जा सकेगा।
पॉयलेट प्रोजेक्ट से शुरू हुई योजना
इस परियोजना की शुरुआत के तौर पर खनिज परिवहन के महत्वपूर्ण मार्गों पर चार स्थानों पर ई-चेकगेट स्थापित किए गए हैं। इस पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत इन गेटों पर टेस्टिंग और निगरानी का काम शुरू हो चुका है। इन चेकगेटों पर वाहनों की सही जांच से अवैध खनिज परिवहन पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
राज्य और जिला स्तर पर नियंत्रण
अवैध खनिज खनन और परिवहन की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। राज्य में भोपाल में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है, जबकि भोपाल और रायसेन जिलों में जिला कमांड सेंटर बनाए गए हैं। ये सेंटर सभी ई-चेकगेट की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और डेटा का विश्लेषण करेंगे।
उपग्रह और ड्रोन आधारित निगरानी
इसके साथ ही राज्य सरकार ने उपग्रह और ड्रोन आधारित परियोजनाकी शुरुआत की है, जिससे प्रदेश की 7 हजार खदानों की जियो टैगिंग की गई है। इन खदानों के सीमांकन के साथ-साथ उपग्रह और ड्रोन से उनकी निगरानी की जाएगी, ताकि अवैध खनन की पहचान की जा सके और उसे रोका जा सके। यह परियोजना पूरी तरह से लागू होने के बाद अवैध खनिज खनन को चिन्हित करने और उसे रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
दिसंबर 2024 तक सभी ई-चेकगेट की स्थापना
राज्य सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक 41 ई-चेकगेट की पूरी प्रणाली स्थापित करना है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल अवैध खनन और परिवहन को रोकना है, बल्कि खनिज संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करना और राज्य की पर्यावरणीय स्थिति की रक्षा करना भी है।
परियोजना का दीर्घकालिक प्रभाव
यह परियोजना मध्यप्रदेश में अवैध खनिज खनन और परिवहन पर एक बड़ा हमला है। जब यह पूरी तरह से लागू हो जाएगी, तो प्रदेश में खनिज संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा और अवैध गतिविधियों पर कड़ी नकेल कसी जाएगी। इसके अलावा, तकनीकी निगरानी से खनिज चोरी और पर्यावरणीय हानि में भी कमी आएगी।
मध्यप्रदेश सरकार की यह आधुनिक तकनीक आधारित योजना राज्य के खनिज संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। एआई आधारित ई-चेकगेट, उपग्रह और ड्रोन निगरानी जैसे उपकरणों के माध्यम से खनिज खनन और परिवहन पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
जिससे अवैध गतिविधियों में भारी कमी आएगी। यह परियोजना न केवल राज्य की खनिज नीति को सशक्त करेगी, बल्कि इससे जुड़ी वित्तीय और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान भी हो सकेगा।
मेरा नाम आलोक सिंह है। मैं भगवान नरसिंह की नगरी नरसिंहपुर से हूँ। पत्रकारिता में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद मैंने पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश किया। मुझे इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रिंटिंग मीडिया में पत्रकारिता का 20 साल का अनुभव है। मैं प्रामाणिकता के साथ समाचार लिखने में माहिर हूँ।