मध्य प्रदेश

Gwalior Bio CNG Plant: पेट्रोल डीजल नहीं अब गोबर से दौड़ेगे वाहन 31 करोड़ की लागत से बना प्लांट

इसी गोबर का उपयोग हर दिन(Gwalior Bio CNG Plant) बायो सीएनजी गैस बनने के लिए किया जाता है और यह मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसी जगह है जहां पर सीएनजी गैस बन रही बनाई जा रही है

 

Gwalior Bio CNG Plant: पेट्रोल डीजल नहीं अब गोबर से दौड़ेगे वाहन 31 करोड़ की लागत से बना प्लांट आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि आप पेट्रोल और डीजल नहीं मध्य प्रदेश में गोबर से ही गोबर से ही दौड़े के सभी वहां बताया जा रहा है कि यहां मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी और आत्मनिर्भर गौशाला अपने नाम को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के उद्देश्य साबित कर रही है।

बताया जा रहा है कि आदर्श गौशाला में गोबर से यहां बायो सीएनजी गैस को बनाने की शुरुआत कर दी गई है जी हां अब पेट्रोल डीजल की जरूरत खत्म हो जाएगी सिर्फ गोबर के सीएनजी कैसे ही वहां चले गए यहां गैस न सिर्फ नगर निगम के काम आएगी बल्कि अब यहां लोगों के लिए भी अपनी गाड़ी को फ्लूय करने में काम आएगी।

बताया जा रहा है कि यह ग्वालियर के लाल टिपारा स्थित आदर्श गौशाला का आधिपत्य भले ही नगर निगम के पास में है लेकिन इसका संचालन संत समाज के द्वारा हो रहा है और उसे वजह से ही यह पिछले कुछ सालों में आदर्श गौशाला के नाम से जाने जा रही है।

जिसमें अपना एक नया उद्देश्य को तैयार कर लिया गया है बताया जा रहा है कि यहां सुर्खियों में छा गई है बहुत ही जल्द गोबर से बायो सीएनजी गैस भी बनाई जाने वाली है और उसके लिए उचित व्यवस्थाएं तैयार कर ली गई है यह प्लांट 31 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है जो कि मध्य प्रदेश को ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।

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हजारों संत से होती गौशाला में देखभाल

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह आदर्श गौशालाक प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला बताई जा रही है जिसके कारण से यह 10000 गोवंश की देखभाल करते हैं और गोबर को आप तक गांव कास्ट या गोबर से बनी अन्य कलाकृतियों के लिए भी उपयोग में किया जाता था।

बताया जा रहा है कि इस इसी गोबर का उपयोग हर दिन बायो सीएनजी गैस बनने के लिए किया जाता है और यह मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसी जगह है जहां पर सीएनजी गैस बन रही बनाई जा रही है प्रदेश का पहला बार पहला बायो सीएनजी बनाने का काम इंदौर में शुरू किया गया था लेकिन यहां गीले कचरे का उपयोग किया जाता था जो कि गलत था। और यह गौशाला के गोबर से बायो सीएनजी गैस बनाने वाला ग्वालियर पहला शहर है।

करोड़ों की लागत से बना प्लांट

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां ग्वालियर में नगर निगम के तहत आने वाली यह गौशाला में पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के द्वारा 10 बीघा जमीन पर 31 करोड रुपए की लागत से यहां बायो सीएनजी प्लांट को तैयार किया गया है बताया जा रहा है कि इसमें रोजाना सौतन गोबर से 200 तन बायो सीएनजी गैस को तैयार किया जाता है और यहां बायो सीएनजी गैस नगर निगम के वाहनों के साथ-साथ में आप सीएनजी पंप के द्वारा भी लोगों को दी जाएगी।

जिससे वहां अपना वहां से फर्राटा भर सकेंगे बताया जा रहा है कि ग्वालियर के लिए एक सबसे बड़ी उपलब्धि है जो कि गांधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री खुद इसका शुभारंभ करने जा रहे हैं।

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संतों ने दिखाया कमल

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां ग्वालियर में बने आदर्श गौशाला का संचालन हरिद्वार से आए संतों के द्वारा किया गया है बताया जा रहा है क्या श्री कृष्णयन गौ सेवा समिति ने नगर निगम के साथ में मिलकर के कुछ सालों पहले इसकी दशा बदलने की शुरुआत की गई थी।

जो की धीरे-धीरे को वंश की स्थिति सुधरता गई और अब गौशाला की देखभाल का जिम्मा संभाल रहे संत ऋषभदेव आनंद ने कहा है कि संतों के द्वारा इसकी जिम्मेदारी संभालने के साथ में आप देश में पहली प्राथमिकता यहां इकट्ठा होने वाले गोबर का प्रबंध कर रहा है और यहां वह गंदगी न फेले  उसका सही उपयोग हो जिसके लिए विभिन्न प्रकार की प्रयोग की किया जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि आदर्श गौशाला में गोश्त बनाया जा रहा है और उसे लकड़ी के जैसे उपयोग भी किया जाएगा और यह मुक्ति धर्मों में लकड़ी के स्थान पर अब इसका उपयोग किया जाएगा उसके साथ में गोबर की खाद को तैयार किया जाएगा और गोबर के द्वारा रंगोली और होली के जैसे रंग बनाए जाएंगे।

जाने कब हुई इसके काम शुरुआत

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं इसमें संतों ने बताया है कि यह लगभग से 2 साल पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में लोग आए थे जहां पर गौशाला में चल रहे गोबर के प्रबंधक से बहुत ही प्रभावित थे।

बताया जा रहा है की बायो सीएनजी गैस बनने को लेकर के चर्चा हुई और उसके बाद में यह चर्चा करके प्लांट बनाने का काम शुरू हो गया जो की 2 साल में या प्लाट बनाकर के तैयार हो गया और यहां 2 अक्टूबर को इसका उद्घाटन होने जा रहा है जो की 2 साल पहले काम शुरू किया गया था।

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