E Uparjan : 2600 रूपये प्रति क्विंटल पर गेहूँ बेचने के लिए जल्द करवा लें पंजीयन, 31 मार्च है आखिरी तारीख

मध्यप्रदेश में गेहूँ की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए 10 लाख से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। जानिए पंजीयन की प्रक्रिया, डेडलाइन और जरूरी जानकारी।

  • 31 मार्च तक पंजीयन करें, नहीं तो गेहूँ नहीं बेचा जा सकेगा।
  • 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूँ की खरीदी हो रही है।
  • पंजीयन के लिए 2648 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं।

Online registration for wheat,मध्यप्रदेश के किसानों के लिए एक जरूरी सूचना आई है। अगर आप गेहूँ की खेती करते हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचना चाहते हैं, तो 31 मार्च से पहले पंजीयन करवा लें। मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने इस बारे में जानकारी दी और किसानों से आग्रह किया कि वे इस आखिरी तारीख से पहले अपना पंजीयन जरूर करवा लें।

अब तक 10,20,224 किसानों ने पंजीयन करा लिया है, और 31 मार्च तक इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। अगर आपने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है, तो यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण मौका है, क्योंकि 31 मार्च के बाद पंजीयन नहीं होगा और आपको गेहूँ बेचने में दिक्कत हो सकती है।

गेंहू की खरीदी प्रक्रिया और कीमत

प्रदेश में गेहूँ की खरीदी 2600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से की जा रही है। इसमें से 2425 रुपये तो न्यूनतम समर्थन मूल्य है और 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस राज्य सरकार द्वारा किसानों को दिया जा रहा है। खरीदी के लिए 2648 उपार्जन केंद्र बनाये गए हैं, जहां किसानों को अपनी फसल बेचने की सुविधा मिलेगी।

यह मूल्य किसानों के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने के साथ ही बोनस भी दिया है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल सकें। यह अवसर उन किसानों के लिए खास है, जिन्होंने अपनी फसल को अच्छे दाम पर बेचना तय किया है।

पंजीयन  प्रक्रिया

पंजीयन प्रक्रिया के बिना किसानों को गेहूँ बेचने में कोई मदद नहीं मिलेगी, इसलिए यह जरूरी है कि आप पंजीयन करा लें। पंजीयन करने के लिए आपको अपने जिले के नजदीकी उपार्जन केंद्र में जाकर फार्म भरने होंगे। ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा भी दी जा रही है, जिससे किसानों को लंबी कतारों में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा।

आपका पंजीयन पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था के तहत होता है, और इसके बाद आपको अपनी फसल को उपार्जन केंद्र पर लाकर बेचना होता है। पंजीयन कराने के बाद आपको एक पंजीयन नंबर मिलता है, जिसकी मदद से आपकी फसल खरीदी जाती है।

फसलों की खरीदारी के लिए उपार्जन केंद्र

राज्य सरकार ने गेहूँ की खरीदी को सुगम बनाने के लिए 2648 उपार्जन केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों पर आप अपनी फसल लेकर जा सकते हैं और सरकारी मूल्य पर उसे बेच सकते हैं। इन केंद्रों पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि किसान अपनी फसल को बिना किसी परेशानी के बेच सकें।

इन केंद्रों पर तौल और भुगतान की प्रक्रिया भी पारदर्शी और आसान बनाई गई है। इसके लिए सभी केंद्रों में डिजिटल उपकरण और उचित गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है, ताकि किसानों को अधिक समय न लगे और उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।

किसानों का पंजीयन स्थिति

प्रदेशभर में पंजीयन की स्थिति अच्छी रही है। विभिन्न जिलों में किसानों ने बड़ी संख्या में पंजीयन करवाए हैं। जैसे कि इंदौर में 31,694 किसानों ने, मंदसौर में 31,714 किसानों ने, देवास में 37,038 किसानों ने, उज्जैन में 78,016 किसानों ने पंजीयन कराया है।

अगर आप भी इन जिलों में रहते हैं और आपने पंजीयन नहीं कराया है, तो जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करें, क्योंकि पंजीयन की आखिरी तारीख 31 मार्च है।

सभी किसानों के लिए सलाह

किसान भाईयों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, क्योंकि राज्य सरकार किसानों के लिए अधिकतम मदद देने के लिए तैयार है। आप अगर समय पर पंजीयन करवा लेते हैं, तो आपको गेहूँ की उचित कीमत मिल सकती है, और राज्य सरकार की ओर से बोनस भी मिलेगा। इसलिए, इस समय का सही उपयोग करें और पंजीयन प्रक्रिया को जल्द पूरा करें।

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