बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी की पदयात्रा जानिए 7 दिन की यात्रा का रूट

Dhirendra Krishna Shastri Padayatra: बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 7 दिवसीय पदयात्रा 21 नवंबर से शुरू हो रही है, जो हिंदू एकता का संदेश देने के उद्देश्य से बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी की दूरी तय करेगी। इस पदयात्रा में हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे, जिनमें उत्साह का जबरदस्त माहौल है। यह यात्रा धर्म, भक्ति और समाज में एकता का प्रतीक बनेगी।

पदयात्रा का उद्देश्य

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा यह पदयात्रा हिंदू एकता की भावना को मजबूत करने और धर्म के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले हर गांव और शहर में भक्तजन अपने प्रिय संत का स्वागत करने को तैयार हैं।

Dhirendra Krishna Shastri
Dhirendra Krishna Shastri

7 दिवसीय पदयात्रा का रूट प्लान

  • पहला दिन (21 नवंबर):यात्रा बागेश्वर धाम से प्रारंभ होगी और फोर लेन रोड के रास्ते कदारी गांव में पहले दिन का विश्राम होगा।
  • दूसरा दिन (22 नवंबर) कदारी गांव से यात्रा करीब 18 किमी चलते हुए छतरपुर जिले के पेप्टेक टाउन पहुंचेगी।
  • तीसरा दिन (23 नवंबर) यात्रा नौगांव पहुंचेगी और यहीं विश्राम होगा।
  • चौथा दिन (24 नवंबर) देवरी डेम में चौथे दिन का पड़ाव रहेगा।
  • पांचवां दिन (25 नवंबर) यात्रा का मऊरानीपुर में ठहराव होगा।
  • छठवां दिन (26 नवंबर) छठे दिन यात्रा निवाड़ी पहुंचेगी।
  • सातवां दिन (27 नवंबर) यात्रा यादव ढाबा होते हुए ओरछा धाम पहुंचेगी, जहां 29 नवंबर को इसका भव्य समापन होगा।
त्योहारी सीजन में मांग में बढ़ोतरी और कीमतों में गिरावट
:-

महान संतों की उपस्थिति

इस यात्रा में देश के कई प्रमुख संत हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें मूलक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज, हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज, इंद्रशेष महाराज, और संजीव कृष्ण ठाकुर जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।

यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था

यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह सतर्क है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।

श्रद्धालुओं का उत्साह और तैयारियां

यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले गांवों और शहरों में भक्तों में भारी उत्साह है। लोग पं. धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए उत्सुक हैं। विभिन्न स्थानों पर यात्रा के स्वागत के लिए भव्य तैयारियां की गई हैं।

शादी सीजन में सोना-चांदी हुआ सस्ता:14 नवंबर 2024 के सोने-चांदी के भाव, खरीदारी का सुनहरा मौका
:-

यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

इस यात्रा के जरिए न केवल हिंदू धर्म की एकता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि समाज को आपसी सौहार्द और प्रेम का संदेश भी दिया जाएगा। बागेश्वर धाम से ओरछा तक की यह यात्रा भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम साबित होगी।

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now