Collector Viral Image : कलेक्टर मैडम और मोबाइल मोह – जब विधायक हुए नतमस्तक और सांसद खड़े देखते रहे

Collector Viral Image : नरसिंहपुर कलेक्टर ऑफिस की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां कलेक्टर मोबाइल में व्यस्त थीं और सामने विधायक हाथ जोड़कर खड़े थे, साथ में सांसद भी मौजूद थे।

  • वायरल फोटो में कलेक्टर मोबाइल में व्यस्त, विधायक हाथ जोड़कर खड़े
  • सांसद भी बगल में चुपचाप मौजूद, सोशल मीडिया पर उड़ रही मज़ाक
  • अफसरशाही बनाम जनप्रतिनिधि की गरिमा पर उठे सवाल

क्या है पूरा मामला?

Collector Viral Image :  नरसिंहपुर कलेक्टर कार्यालय की एक फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में कलेक्टर मैडम अपने मोबाइल फोन पर नजरें गड़ाए बैठी हैं, जबकि उनके सामने खड़े हैं तेंदूखेड़ा से विधायक विश्वनाथ पटेल उर्फ मुलायम भैया वो भी हाथ जोड़कर, पूरी विनम्रता के साथ। उनके साथ में खड़े हैं नर्मदापुरम (होशंगाबाद) के सांसद दर्शन सिंह।

अब इस तस्वीर में जो बात लोगों को चौंका रही है, वो ये है कि जब दो जनप्रतिनिधि जिनमें एक विधायक और एक सांसद शामिल हैं – सामने मौजूद हों, तब एक प्रशासनिक अधिकारी का मोबाइल में इतना व्यस्त रहना क्या सही है?

तस्वीर ने सोशल मीडिया पर मचाया बवाल

जैसे ही यह तस्वीर सामने आई, सोशल मीडिया पर मानो बहस छिड़ गई। किसी ने कहा “ये है असली सत्ता का चेहरा”, तो किसी ने तंज कसते हुए लिखा “जनता के चुने हुए प्रतिनिधि भी अफसरशाही के आगे नतमस्तक हो गए हैं।”ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम हर जगह इस फोटो को लेकर मजेदार मीम्स, गंभीर बहसें और तीखे कमेंट्स देखने को मिल रहे हैं।

कुछ चर्चित कमेंट्स इस तरह के हैं:

  • विधायक जी तो वैसे भी कलेक्टर के नीचे लगते हैं, पर सांसद साहब? वो भी खड़े-खड़े देख रहे हैं
  • मैडम के मोबाइल में क्या था, जो जनता के प्रतिनिधियों से ज्यादा जरूरी था?”
  • अब ये लोकतंत्र है या नौकरशाही का दरबार?

अफसरशाही बनाम लोकतंत्र

भारत जैसे लोकतंत्र में ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक नेतृत्व दोनों ही अपने-अपने स्तर पर अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन जब एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि, जिसे जनता ने वोट देकर भेजा है, किसी अधिकारी के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो और अधिकारी उसकी उपेक्षा कर दे, तो यह लोकतांत्रिक गरिमा पर सवाल खड़े करता है।

क्या ये पहली बार हुआ है?

ऐसे मामले पहले भी सामने आते रहे हैं, जब प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं के बीच टकराव की खबरें आई हैं। कभी कलेक्टर ने विधायक की बात को अनसुना कर दिया, तो कभी विधायक ने मंच से अफसर को फटकारा। पर आज के दौर में एक तस्वीर ही हजार शब्दों से ज्यादा बोल जाती है। इस तस्वीर की वजह से एक बार फिर से यह बहस ताजा हो गई है कि आखिर लोकतंत्र में जनता का प्रतिनिधि बड़ा होता है या सरकारी पदाधिकारी?

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं

हालांकि अभी तक किसी बड़े राजनीतिक दल ने इस फोटो पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन लोकल स्तर पर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं में इसको लेकर चर्चा जरूर हो रही है। कुछ नेताओं ने इसे प्रशासन की “ओवरपॉवर” स्थिति बताया है, वहीं कुछ ने नेताओं की “बेचारगी” पर तंज कसा है।

नरसिंहपुर की ये वायरल फोटो भले ही एक पल की हो, लेकिन इसने अफसरशाही बनाम जनप्रतिनिधियों की बहस को फिर से हवा दे दी है। आने वाले दिनों में क्या कलेक्टर इस मामले पर कोई सफाई देंगी? क्या सांसद या विधायक इस पर प्रतिक्रिया देंगे? ये देखना दिलचस्प होगा।

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