Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि का पहला दिन, मां शैलपुत्री की पूजा से पाएं सुख और समृद्धि
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, मां शैलपुत्री की पूजा करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में स्थिरता, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी मिलता है।
- मां शैलपुत्री की पूजा विधि का पालन करें
- शांति, समृद्धि और सुख के लिए मां से आशीर्वाद प्राप्त करें
- स्वास्थ्य और गृहस्थ जीवन में स्थिरता के लिए पूजा का महत्व
Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि का पहला दिन विशेष रूप से मां शैलपुत्री की पूजा का होता है। यह पर्व भारतभर में धूमधाम से मनाया जाता है और खासकर इस दिन की पूजा का महत्व बहुत अधिक है। खासकर अगर आप जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की तलाश में हैं, तो यह पूजा आपके लिए अत्यंत लाभकारी हो सकती है।
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री का नाम उनके हिमालय पर्वत से जुड़ी पवित्रता और शक्ति को दर्शाता है। ‘शैल’ का मतलब है पर्वत, और ‘पुत्री’ का अर्थ है बेटी। इस प्रकार, मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में पूजा जाता है। उन्हें देवी दुर्गा के पहले रूप के रूप में माना जाता है, जो जीवन में स्थिरता, सुख और समृद्धि लाती हैं। इस दिन उनकी पूजा से हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
पूजा विधि
मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए कुछ खास विधियों का पालन करना आवश्यक है, जिससे मां की कृपा प्राप्त की जा सके
1. तैयारी – पूजा से पहले प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर पूजा स्थल पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और मां शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र रखें। इसके बाद गंगाजल से स्थान को पवित्र करें और मानसिक रूप से मां को आमंत्रित करने का संकल्प लें।
2. कलश स्थापना –पूजा में कलश का विशेष महत्व है। एक तांबे या मिट्टी के कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें। फिर कलश पर स्वस्तिक का चिह्न बनाकर इसे पूजा स्थल पर रखें।
3. पूजन सामग्री – पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में लाल पुष्प, चंदन, अक्षत (चावल), धूप, दीपक, दूध, घी, शहद और गंगाजल शामिल हैं। इन्हें श्रद्धा भाव से मां को अर्पित करें।
4. मंत्र जाप और आराधना पूजा के दौरान ‘ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें और मां को सफेद फूल अर्पित करें। फिर गाय के घी से बने प्रसाद का भोग अर्पित करें। अंत में दीप जलाकर मां की आरती करें।
मां शैलपुत्री की पूजा के लाभ
मन की शांति: पूजा से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में तनाव कम होता है।
सुख और समृद्धि: पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।
स्वास्थ्य लाभ: मां की पूजा से स्वास्थ्य में सुधार होता है और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
गृहस्थ जीवन में स्थिरता: यह पूजा गृहस्थ जीवन में शांति और स्थिरता लाती है।
साधकों के लिए लाभकारी: साधकों के लिए यह दिन विशेष रूप से लाभकारी होता है, क्योंकि यह ध्यान और साधना में स्थिरता लाता है।
इस दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को केवल फलाहार का सेवन करना चाहिए और मां को सफेद रंग की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। पूजा के बाद, अगले दिन व्रत का पारण करें और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दें।