CG News : महादेव सट्टे के कारण छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री पर बढ़ी मुश्किले,सीबीआई ने 21 लोगो के खिलाफ किया मामला दर्ज,जानिए पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रही है। जिसका खुलासा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान किया गया था।
- पूर्व सीएम के साथ 60 के यहां छापेमारी
- 21 के खिलाफ़ सीबीआई ने दर्ज की FIR
- पहले भी राज्य में इस मामले में कई छापे
CG News : महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व सीएम भूपेश बघेल के विभिन्न ठिकानों पर सीबीआई ने 26 मार्च को छापेमारी को अंजाम दिया था।केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने छह हजार करोड़ के महादेव बेटिंग एप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपित बनाया गया है।
21 के खिलाफ़ सीबीआई ने दर्ज की FIR
बघेल का नाम छठवें नंबर पर आया है।एफआईआर में महादेव बेटिंग एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के साथ साथ 21 आरोपितों शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतिश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहुजा, धीरज आहुजा, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, भीम सिंह, यादव, हरीशंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी। के नाम हैं। ईओडब्ल्यू से केस सीबीआइ को सौंपा गया था। इसके आधार पर अब सीबीआइ ने शिकायत दर्ज कर ली है।
महादेव बेटिंग एप क्या है
महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया था।इस पर यूजर्स पोकर जैसे कार्ड गेम्स और अन्य गेम खेल सकते थे।इस एप के द्वारा क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस, जैसे खेलों में सट्टेबाजी भी की जाती थी। इसकी शुरुआत 2019 को छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने की थी।
पूर्व सीएम के साथ 60 के यहां छापेमारी
- सीबीआई ने हाल ही में देशभर में भूपेश बघेल के साथ 60 जगहों पर छापेमारी की थी।
- छापेमारी कई राजनेता, नौकरशाह और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई थी।
- यह छापेमारी छत्तीसगढ़, भोपाल, पश्चिम बंगाल, कोलकाता और दिल्ली में की गई थी।
- इस बीच कई राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के प्रमुख पदाधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के परिसरों पर तलाशी ली गई थी।
पहले भी राज्य में इस मामले में कई छापे
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रही है। जिसका खुलासा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान किया गया था। ईडी ने पहले भी राज्य में इस मामले में कई छापे मारे थे और गैर कानूनी सट्टेबाजी व गेमिंग एप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ अभियोजन शिकायतें दायर की थीं।
अधिकारीयों और राजनेताओं को प्रोटेक्शन मनी
मिली जानकारी के अनुसार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल विदेश में बैठकर बेटिंग एप चलाते हैं। इन पर आरोप लगाया है कि रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर बेटिंग एप से कुल आय का कुछ हिस्सा छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारीयों और राजनेताओं को बतौर प्रोटेक्शन मनी देते थे।
राज्य सरकार ने इस केस को सीबीआइ को सौंप दिया
आर्थिक अपराध ईओडब्ल्यू द्वारा ईडी के बाद प्रतिवेदन के बाद FIR दर्ज की थी। बाद में राज्य सरकार ने इस केस को सीबीआइ को सौंप दिया जिससे मामले की गहन जांच की जा सके।और इसमें शामिल बड़े अधिकारियों व अन्य आरोपियों की भूमिका उजागर हो सके।
छापेमारी में क्या बरामद हुआ
- सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी में बड़ी मात्रा में डिजिटल और दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
- इनमें वित्तीय लेन-देन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकार्ड भी शामिल हैं।
- छापेमारी अब भी जारी है, और जांच एजेंसी जल्द ही और खुलासे कर सकती है।