तेरी तो ..व्यापारी ने कर दी तहसीलदार कुटाई जानिए क्या थी घटना
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को लेकर व्यापारी और तहसीलदार के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
Cg Big News : मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में अतिक्रमण हटाने के दौरान एक हैरान कर देने वाली घटना घटी, जब एक व्यवसायी ने तहसीलदार को थप्पड़ मार दिया और सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज की। यह घटना शुक्रवार को मनेन्द्रगढ़ के मौहारपारा इलाके में घटित हुई, जहां अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को लेकर व्यापारी और तहसीलदार के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
अतिक्रमण हटाने के दौरान हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार, मनेन्द्रगढ़ तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त पिछले एक सप्ताह से शहर के विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण हटाने के अभियान में जुटे हुए थे। शुक्रवार को तहसीलदार अपने टीम के साथ मौहारपारा इलाके में स्थित गोपाल शीत गृह के पास पहुंचे, जहां एक सीमेंट व्यवसायी नितिन अग्रवाल अपनी दुकान के बाहर सीमेंट शीट रखे हुए थे, जो नेशनल हाइवे की नाली में डाली गई थीं।
जब पटवारी दीपेंद्र सिंह ने नितिन से सीमेंट शीट हटाने को कहा, तो व्यवसायी ने शीट हटानी शुरू की। लेकिन इसी बीच तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त ने शीट हटाने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की बात कही। इस पर नितिन अग्रवाल भड़क गए और उन्होंने न सिर्फ तहसीलदार से तीखी बहस की, बल्कि अचानक गुस्से में आकर उन्हें थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद उन्होंने तहसीलदार को अपशब्द कहे, जिससे माहौल और भी गर्म हो गया।
पुलिस ने किया व्यवसायी को गिरफ्तार
तहसीलदार पर हमला करने के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया। पुलिस को सूचना मिलने के बाद नितिन अग्रवाल को हिरासत में ले लिया गया। वहीं, तहसीलदार यादवेंद्र कैवर्त के साथ राजस्व अमला भी सिटी कोतवाली मनेन्द्रगढ़ पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नितिन अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में बढ़ी मुश्किलें
यह घटना अतिक्रमण हटाने के अभियान को लेकर स्थानीय व्यापारियों और अधिकारियों के बीच उत्पन्न तनाव को उजागर करती है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जब भी होती है, तो व्यापारियों और आम जनता के बीच विरोध देखने को मिलता है। मनेन्द्रगढ़ में इस बार यह मामला खास इसलिए भी है क्योंकि एक सरकारी अधिकारी पर सार्वजनिक तौर पर हमला किया गया,
नितिन अग्रवाल की दुकान और विवाद का कारण
नितिन अग्रवाल की सीमेंट और छड़ की दुकान के बाहर की नाली में सीमेंट शीट रखी हुई थी, जिस पर राजस्व अमला और तहसीलदार ने आपत्ति जताई थी। यह विवाद सीमेंट शीट को जल्दी हटाने के लिए दिए गए निर्देश पर हुआ था। नितिन अग्रवाल के मुताबिक, वह शीट हटा रहे थे, लेकिन तहसीलदार ने जल्दबाजी की, जिससे गुस्सा आ गया।
लेकिन तहसीलदार के खिलाफ हाथ उठाना और गाली का इस्तेमाल करना कदापि उचित नहीं था, जो बाद में उनके लिए कानूनी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
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