जबलपुर में CBI की बड़ी कार्रवाई: रिश्वतखोरी के आरोप में PF क्लर्क गिरफ्तार, मृतक के परिवार से मांगे थे 5 लाख रुपये

60 लाख की पीएफ राशि जारी करने के बदले 5 लाख की रिश्वत की डिमांड, जबलपुर में CBI ने रंगे हाथ पकड़ा, बड़ी कार्रवाई

  • 60 लाख की पीएफ राशि जारी करने के बदले 5 लाख रुपये की रिश्वत की डिमांड।
  • सीबीआई ने शिकायत के बाद जाल बिछाया और आरोपी क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ा।
  • सीबीआई की तत्परता से भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ और दोषियों को गिरफ्तार किया गया।

CBI Raid Jabalpur  : कभी-कभी लगता है कि सरकारी अधिकारी किसी को उनका हक देने में इतने अडिग क्यों हो जाते हैं? इस बार जबलपुर में एक पीएफ क्लर्क और कमिश्नर के भ्रष्टाचार ने एक गरीब परिवार को न केवल मानसिक तनाव दिया, बल्कि उनसे उनके हक के पैसे भी छीनने की कोशिश की। हालांकि, सीबीआई की मुस्तैदी ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया और दोषियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

पीएफ की राशि के लिए महीनों से संघर्ष कर रहा था

14 मई 2021 का दिन कटनी के बाबू नंदन बर्मन के परिवार के लिए बहुत ही कठिन था, जब वे अपने प्रिय सदस्य को खो चुके थे। लेकिन यह दुख और गहरा हो गया जब उनके परिवार को बकाया पीएफ राशि की प्राप्ति के लिए महीनों तक अधिकारियों से संघर्ष करना पड़ा। बाबू नंदन बर्मन की पीएफ राशि लगभग 60 लाख रुपये थी, लेकिन जब परिवार ने इसे प्राप्त करने की कोशिश की, तो उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगी।

परिवार के सदस्य राजकुमार बर्मन ने जब कई बार पीएफ राशि के लिए आवेदन किया, तो उन्हें हर बार सिर्फ इंतजार करने को कहा गया। आखिरकार, नवरोजाबाद के PF क्लर्क उमाशंकर तिवारी ने परिवार से सीधे 5 लाख रुपये की घूस की मांग की, जिसमें से ढाई लाख रुपये क्षेत्रीय कमिश्नर को देने थे।

24 फरवरी को शिकायत दर्ज

24 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई गई थी और सीबीआई ने तुरंत जाल बिछाया। राजकुमार बर्मन ने एक बार फिर पीएफ क्लर्क से मिलने का समय लिया और पहली किस्त के रूप में 1.5 लाख रुपये देने की पेशकश की। जब पीएफ क्लर्क ने इन पैसे को स्वीकार किया, सीबीआई की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

रिश्वत के इस खेल में कमिश्नर का भी हाथ

अब सवाल यह उठता है कि इस घोटाले में सिर्फ एक पीएफ क्लर्क का हाथ था या बड़े स्तर पर साजिश रची गई थी? जांच में यह बात सामने आई कि इस पूरे मामले में केवल उमाशंकर तिवारी ही नहीं, बल्कि जबलपुर के क्षेत्रीय कमिश्नर का भी हाथ था। आरोप था कि पीएफ क्लर्क ने रिश्वत की पूरी रकम में से ढाई लाख रुपये कमिश्नर को देने की बात की थी।

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