CBI ने नारकोटिक्स विभाग के दलाल को रिश्वत लेते हुए पकड़े  किसान की शिकायत पर छापा

किसान से अफीम के पट्टे के नाम पर 1 लाख 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

CBI Raid in Mandsaur : मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में CBI ने सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के दफ्तर पर शुक्रवार शाम को छापा मारा, जो शनिवार सुबह तक जारी रहा। इस छापे में दो दलालों को एक किसान से अफीम के पट्टे के नाम पर 1 लाख 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

एक लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी

किसान बद्रीलाल धाकड़ ने आरोप लगाया कि खंड एक के अधिकारी ने अफीम का लाइसेंस नामांतरण करवाने के बदले एक लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जो बाद में एक लाख 10 हजार रुपये में तय हुई।

धाकड़ ने शिकायत CBI से की, जिसके बाद एजेंसी ने एक ट्रैप प्लान किया और बद्रीलाल को केमिकल लगे नोट दिए। जब किसान ने पैसे रिश्वत के रूप में दिए, तो CBI की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों दलालों को गिरफ्तार कर लिया।

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इस घटना के बाद किसान ने डर जताया कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया जा सकता है और उन्होंने अफीम की खेती से तौबा करने का मन बना लिया।

यह मामला इस बात का संकेत है कि रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की जड़ें राज्य के विभिन्न विभागों में गहरी हैं, और CBI द्वारा की गई इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 CBI  की योजनाबद्ध कार्रवाई

इस मामले में CBI की सतर्कता और योजनाबद्ध कार्रवाई ने विभागीय भ्रष्टाचार को बेनकाब किया है। CBI ने किसान की शिकायत को गंभीरता से लिया और बिना समय गंवाए कार्रवाई की, जिससे यह साबित होता है कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

किसान बद्रीलाल का आरोप है कि अगर शिकायत करने के बाद उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अब अफीम की खेती से खुद को बाहर कर लेंगे। यह स्थिति न केवल किसानों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश देती है।

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यह घटनाक्रम यह सवाल भी उठाता है कि अफीम जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भ्रष्टाचार का असर किसानों के जीवन पर क्या हो सकता है। किसानों के लिए यह सही समय है कि वे सरकारी नीतियों और अधिकारियों की कार्यशैली पर ध्यान दें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।

 

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