महिला अधिकारी से 24,500 घूस लेते रंगेहाथ पकड़े गए BPM, क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं, और इस बार शिवपुरी जिले से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
- ग्वालियर EOW ने 10,000 रुपये की घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा
- पिछोर स्वास्थ्य केंद्र में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर पर रिश्वत लेने का आरोप
- आरोपी BPM के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू, जांच जारी
MP Corruption News : अब आपको एक और ताजातरीन खबर बताता हूँ, जो इस समय शिवपुरी जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। क्या आप सोच सकते हैं कि सरकारी दफ्तरों में रिश्वत का खेल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा? और इस बार तो मामला थोड़ा और गंभीर हो गया।
ग्वालियर की EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने एक और रिश्वतखोर अधिकारी को रंगेहाथ पकड़ लिया। ये घूस लेने वाला अधिकारी कोई और नहीं, बल्कि पिछोर स्वास्थ्य केंद्र का ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (BPM) था।
इसकी गिरफ्तारी ने एक बार फिर से ये सवाल खड़ा किया है कि आखिर क्यों कुछ लोग सरकारी पद का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए करते हैं। रिश्वत लेने का ये मामला तब सामने आया जब ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अखिलेश कनेरिया ने एक महिला अधिकारी से भारी रकम की मांग की थी।
दरअसल, महिला अधिकारी रिंका लोधी, जो सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) के पद पर कार्यरत थीं, से BPM ने सरकारी योजनाओं की मंजूरी के लिए 24,500 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
कैसे पकड़ में आया BPM?
रिश्वत की मांग के बाद सीएचओ रिंका ने इस पूरे मामले की शिकायत ग्वालियर स्थित EOW से की। फिर क्या था, जांच शुरू हुई और सीएचओ को इस पूरे घटनाक्रम का हिस्सा बनने के लिए कहा गया। सीएचओ को EOW के दिशा-निर्देशों पर, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर को पहले किस्त के रूप में 10,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया।
जैसे ही सीएचओ ने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर को यह रकम दी, EOW की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। इस पूरी कार्रवाई में ग्वालियर EOW टीम ने कमाल का काम किया और इस रिश्वतखोरी के मामले को समय रहते पकड़ा। अब ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
BPM के खिलाफ जांच शुरू
यहां सबसे बड़ी बात यह है कि अब BPM के खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। EOW की टीम ने इसे एक गंभीर मामला माना है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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