चमोली के माणा गांव में हिमस्खलन : बर्फ में दबे 57 मजदूरों में से 16 को बचाया, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव में हिमस्खलन के बाद बर्फ में दबे 57 मजदूरों में से 16 को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है।
- माणा गांव में हिमस्खलन से 57 मजदूर दबे, 16 को सुरक्षित निकाला।
- खराब मौसम और बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियां।
- उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश-बर्फबारी, जनजीवन प्रभावित।
Uttarakhand News Chamoli जिले के माणा गांव में गुरुवार को एक भीषण हिमस्खलन ने वहां काम कर रहे 57 मजदूरों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब बर्फबारी के चलते ग्लेशियर टूट गया और मजदूरों का एक बड़ा हिस्सा बर्फ के नीचे दब गया। राहत की बात यह रही कि अब तक 16 मजदूरों को बचा लिया गया है, लेकिन बाकी 41 मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है।
हिमस्खलन का असर इतना भयावह था कि इलाके में मौजूद सभी लोग भागने के प्रयास में थे, लेकिन बर्फ के नीचे दबे मजदूरों का बचाव करना एक बड़ी चुनौती बन गई। इस क्षेत्र में कार्यरत मजदूर सभी सीमा सड़क संगठन (BRO) के ठेके पर काम कर रहे थे, और उनका काम हाईवे निर्माण से जुड़ा हुआ था।
हालांकि, यह हादसा कैसे हुआ, इसके बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आ पाई है, लेकिन घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार मौसम की खराबी और बर्फबारी ने इस हादसे को और गंभीर बना दिया।
खराब मौसम और रेस्क्यू की मुश्किलें
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के मुताबिक, घटनास्थल पर बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन खराब मौसम और लगातार गिर रही बर्फ ने टीमों के काम में दिक्कतें पैदा की हैं। कई बार बर्फबारी और ठंडी हवाओं के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा। लेकिन राहत की बात ये है कि 16 मजदूरों को समय रहते बाहर निकाल लिया गया है, जिनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
जिन मजदूरों को बचाया गया है, वे अब तक के सबसे राहत देने वाले पल हैं, लेकिन बाकी 41 मजदूरों की खोज लगातार जारी है। रेस्क्यू टीम में NDRF, SDRF, ITBP और BRO की टीमें शामिल हैं। उनका एक ही लक्ष्य है—बाकी मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकालना।
उत्तराखंड CM ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि माणा गांव में हिमस्खलन के दौरान कई मजदूरों के दबने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। राहत कार्य लगातार जारी है और उन्होंने सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना की है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश दोनों ही इन दिनों बर्फबारी और बारिश की चपेट में हैं। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां बर्फबारी की वजह से सड़कें बंद हो गई हैं, वहां रहने वाले लोगों के लिए हालात काफी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं।
हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का कहर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भी भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। नदियां उफान पर हैं और कई वाहन पानी में बह गए हैं। वहीं, उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में भी भारी बर्फबारी और बारिश के कारण सड़कें और पुल बंद हो गए हैं। इन इलाकों में राहत कार्य चल रहे हैं, लेकिन बर्फबारी के चलते और भी मुश्किलें सामने आ रही हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के इन क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कें और पुल बह गए हैं, जबकि सड़कों पर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी संख्या में लोगों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मौसम के कारण यह कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। रेस्क्यू टीम लगातार बर्फ में दबे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास कर रही है, और उम्मीद जताई जा रही है कि बाकी फंसे हुए मजदूरों को जल्द ही बचा लिया जाएगा।
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इस आपदा में जहां एक तरफ उत्तराखंड की नदियां और हिमाचल की बारिश ने कहर मचाया है, वहीं दूसरी तरफ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें किसी भी हालत में मजदूरों की जान बचाने के लिए दिन-रात एक कर रही हैं।
प्रशासन की तैयारियां
उत्तराखंड प्रशासन ने इस पूरी स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है। सभी विभागों को स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। जो लोग किसी भी आपदा के शिकार होते हैं, उनके लिए राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश सरकार ने इस घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है और सभी संबंधित एजेंसियों को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है।
साथ ही, माणा गांव जैसे दूरदराज क्षेत्रों में बर्फबारी और हिमस्खलन जैसी घटनाओं से निपटने के लिए भविष्य में प्रशासन और संबंधित विभागों को और अधिक प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि ऐसे हादसों को कम किया जा सके।
अब तक ताजा जानकारी
जहां एक ओर 16 मजदूरों को बचा लिया गया है, वहीं अन्य 41 मजदूरों की तलाश जारी है। हिमस्खलन के बाद से घटनास्थल पर बचाव कार्य और बढ़ा दिया गया है। कई दिनों से खराब मौसम के चलते प्रशासन को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी राहत कार्य जारी है।
यह हादसा हमें यह सिखाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए और अधिक ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
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