जबलपुर सियासत में औरंगजेब विवाद, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की पोस्ट पर मचा बवाल
जबलपुर महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा जैन द्वारा भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से किए जाने से कांग्रेस में हड़कंप मचा, ब्राह्मण समाज ने किया विरोध।

- रेखा जैन ने फेसबुक पोस्ट में भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से की, जिससे विवाद हुआ।
- ब्राह्मण समाज ने इस पोस्ट का विरोध किया, और कांग्रेस ने रेखा जैन को नोटिस जारी किया।
- रेखा जैन ने मीडिया के सामने आकर माफी मांगी, और पार्टी ने इस मामले को शांत किया।
Aurangzeb Controversy : जबलपुर की सियासत में इन दिनों एक नई हलचल मची हुई है। महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा जैन की एक फेसबुक पोस्ट ने विवाद को जन्म दिया है। इस पोस्ट में रेखा जैन ने भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से कर दी, जिसे लेकर ब्राह्मण समाज में तीव्र नाराजगी देखने को मिली है।
कांग्रेस की छवि खराब
रेखा जैन के इस कृत्य ने कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाया है, और इस विवाद के बाद पार्टी ने एक्शन लिया। जबलपुर नगर कांग्रेस ने रेखा जैन को 48 घंटे के भीतर माफी मांगने का नोटिस जारी कर दिया। पार्टी की ओर से यह निर्देश दिया गया कि इस कृत्य के लिए माफी मांगी जाए, ताकि पार्टी की छवि को और नुकसान न हो।
फेसबुक पोस्ट का विवादित हिस्सा
रेखा जैन ने कथाकार मणिका मोहिनी के एक फेसबुक पोस्ट को शेयर करते हुए भगवान परशुराम की तुलना औरंगजेब से की। इस पोस्ट में यह लिखा गया था कि जैसे औरंगजेब ने अपने भाई का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया, ठीक वैसे ही भगवान परशुराम ने अपनी मां का सिर काटकर अर्पित किया।
इसके अलावा, पोस्ट में यह भी कहा गया कि औरंगजेब को क्रूर माना जाता है, और कोई भी मुसलमान उसे आदर्श नहीं मानता, लेकिन परशुराम जैसे चरित्र को आदर्श मानकर लोग मंदिर भी बनवाते हैं।
ब्राह्मण समाज का विरोध
रेखा जैन की इस पोस्ट के बाद ब्राह्मण समाज में आक्रोश फैल गया, और उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया। इसके बाद जबलपुर कांग्रेस को भी अपनी प्रतिक्रिया देना पड़ा। हालांकि, पार्टी के नोटिस और विरोध के बाद रेखा जैन के तेवर ठंडे पड़े,
मीडिया के सामने आकर माफी मांग ली।
ब्राह्मण समाज के विरोध और कांग्रेस की ओर से नोटिस मिलने के बाद रेखा जैन के तेवर बिल्कुल बदल गए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा कि उनकी पोस्ट का कोई बुरा मतलब नहीं था। इसके बावजूद, इस विवाद ने जबलपुर की सियासत में खलबली मचा दी है और कांग्रेस को भी मुश्किल में डाल दिया है।