भोपाल में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में बड़ा हादसा होते होते टला, यात्रियों का हंगामा
Vande Bharat news : वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जिसे आधुनिक भारतीय रेलवे का प्रतीक माना जाता है, एक बार फिर तकनीकी खामी के चलते सुर्खियों में है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास रानी कमलापति स्टेशन (RKMP) से हजरत निजामुद्दीन जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में स्प्रिंग टूटने की वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्या हुआ हादसा?
रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच नंबर सी-11 की स्प्रिंग टूटने की सूचना रविवार रात 10:15 बजे मिली। ट्रेन को तुरंत यार्ड में ले जाकर मेंटेनेंस का काम शुरू किया गया। हालांकि, 14 घंटे बाद भी मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया, जिससे ट्रेन समय से नहीं चल सकी। इस देरी ने यात्रियों को गुस्से से भर दिया, और उन्होंने स्टेशन पर जोरदार हंगामा किया।
यात्रियों की समस्याएं और नाराजगी
ट्रेन में सवार यात्रियों को रेलवे से मिले शुरुआती संदेशों में बताया गया कि मरम्मत कार्य दोपहर 1:30 बजे तक पूरा हो जाएगा। इसके बावजूद जब ट्रेन नहीं चली तो सुबह 11 बजे नाराज यात्री स्टेशन अधिकारियों के पास पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर की। यात्रियों ने आरोप लगाया कि रेलवे ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया।
रेलवे ने दी सफाई
भोपाल रेल मंडल के प्रवक्ता नवल अग्रवाल ने बताया कि ट्रेन की मरम्मत का काम प्राथमिकता पर किया जा रहा है। रेलवे ने यात्रियों को यह विकल्प दिया कि वे TDR (Ticket Deposit Receipt) फाइल कर अपना पूरा रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
पहले भी हुए वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ हादसे
वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे भारतीय रेलवे की शान कहा जाता है, इससे पहले भी कई बार तकनीकी खामियों की वजह से चर्चा में रही है।
- बारिश के दौरान ट्रेन की छत से पानी टपकने की घटना।
- दो साल पहले कोच नंबर सी-14 में आग लगने का मामला।
- हाल ही में ट्रैक पर मवेशियों से टकराने की घटनाएं।
यात्रा शेड्यूल में बड़ा व्यवधान
यह ट्रेन सामान्यतः सुबह 5:40 बजे रानी कमलापति स्टेशन से रवाना होकर दोपहर 1:16 बजे हजरत निजामुद्दीन पहुंचती है। हालांकि, रविवार की घटना के चलते यात्रा कार्यक्रम पूरी तरह बाधित हो गया।
क्या यात्री रेलवे से संतुष्ट हैं?
बार-बार की तकनीकी खामियों और समय पर समाधान न मिलने से यात्रियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। वंदे भारत जैसी हाई-प्रोफाइल ट्रेन से ऐसी समस्याएं उम्मीद से परे हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।