दिल्ली चुनाव से 20 दिन पहले, ED को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी
Arvind Kejriwal Money Laundering Case: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब महज 20 दिन बाकी हैं, और इससे ठीक पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है।
यह निर्णय ऐसे वक्त में लिया गया है जब दिल्ली में राजनीतिक माहौल गर्मा चुका है। इस निर्णय के बाद से दिल्ली की राजनीति में हलचल बढ़ गई है, और आम आदमी पार्टी (AAP) इसे चुनावी रणनीति के तहत एक नई चाल बता रही है।
ED को मिली मंजूरी
दिल्ली शराब घोटाले में आरोपित अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी गृह मंत्रालय ने दी है। इसे लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने भी पहले ही इस मामले में केस चलाने की सिफारिश की थी। विशेष रूप से, नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया था, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ED को अनुमति लेनी आवश्यक है।
ED ने इस मामले में PMLA कोर्ट में दावा किया था कि केजरीवाल इस घोटाले के मास्टरमाइंड थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने PMLA के तहत उन्हें आरोपी बनाकर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी।
AAP का आरोप
AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “झूठे मामलों के जरिए पार्टी को निशाना बनाने” का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह देश में पहली बार हो रहा है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े नेताओं को जेल भेजा गया।
हालांकि, इन नेताओं को ट्रायल कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, फिर भी अब दो साल बाद मुकदमा चलाने की अनुमति दी जा रही है। AAP का आरोप है कि यह पूरी कार्रवाई चुनाव से पहले पार्टी को बदनाम करने के लिए की जा रही है, लेकिन जनता अब इस “पुरानी रणनीति” को भलीभांति समझ चुकी है।
ED और CBI की जांच की सिफारिश
ED ने दावा किया था कि शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल ने “आप” पार्टी के प्रभारी के रूप में कई अनियमितताएं कीं, और इसी कारण उन्हें और पार्टी को PMLA के तहत दोषी ठहराया जाना चाहिए।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद ED ने 22 अगस्त 2022 को PMLA के तहत मामला दर्ज किया था।
चुनावी मौसम में बढ़ी सियासी गर्मी
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गए हैं। इस मामले की जांच और ED द्वारा केस चलाने की मंजूरी को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां AAP इसे राजनीतिक साजिश मान रही है, वहीं विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला मानते हैं।